Gabon Timber Started Production of Face Veneer at Its Unit in Gabon

person access_time4 17 July 2018

ग्रीनप्लाई की आरएंडडी के बाद विकसित सबसे नया फॉर्मूलेशन पश्चिम और दक्षिणी के बाजारों में प्लाइवुड पर ओकूमे फेस विनियर के विस्तार में मदद कर रहा है। यह अग्रणी ब्रांड ने पिग्मेंटेशन और डिपिंग प्रक्रिया विकसित की है जो फिनिश प्लाइवुड को गर्जन की तरह दिखने और महसूस करने में मदद करता है। जब प्लाइवुड का निर्माण ओकूमे फेस के साथ किया जाता है, तो प्लाइवुड की मजबूती में कोई बदलाव नहीं होता और डीलरों को इस प्लाइवुड की गुणवत्ता और इसके ताकत के गुणों में कोई बदलाव दीखता। प्रारंभिक बाजार परीक्षणों में सफलता के बाद, कंपनी ने अपने पूरे प्लाइवुड उत्पादन को ओकूमे फेस में स्थानांतरित कर दिया है जो भारतीय प्लाइवुड उद्योग के लिए एक बड़ी सफलता है।

ओकूमे फेस पर स्विचिंग एक सामान्य प्लाई निर्माता के लिए इसके एप्लीकेशन, स्थिरता और लुक को लेकर कुछ मिथक के चलते हमेशा चुनौती रही है। अब सभी बड़े ब्रांड अपने सभी प्रीमियम और अन्य उत्पाद श्रृंखला को ओकूमे पर शिफ्ट करने से उद्योग के लिए एक बड़ी सफलता भरा कदम है जो भारत में प्लाइवुड उद्योग की मदद करने के लिए तैयार है।

म्यांमार से लॉग निर्यात पर प्रतिबंध और मलेशिया में गर्जन और केरुइन लॉग की पिछले दो सालों से कमी के चलते भारतीय प्लाइवुड निर्माताओ को बड़ी परेशानी हो रही है। गर्जन लुक की आदत भारतीय प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग को भारी नुकसान पहुंचा रही है जो वास्तव में किसी को भी फायदा नहीं पहुंचाता। उपलब्धता और ग्रेडिंग जैसे मुद्दों के अलावा ऊंची कीमत वाले गर्जन फेस विनियर प्लाइवुड में फेस का खर्च 21 फीसदी हैं। इस साल, जब पीक्यू, पीएल, सोलोमन और चीन से आने वाली फेस की उपलब्धता कम है, तो एक किफायती विकल्प अपनाना मजबूरी भी और जरूरी भी। गर्जन या अन्य लाल फेस की प्रजातियों की जगह ओकूमे फेस के साथ, प्लाइवुड निर्माता वर्तमान गणना के अनुसार अपने फेस विनियर लागत घटा कर आधे से कम करने में सक्षम होंगे।

उत्तर भारत में फेस विनियर की संभावनाओं पर 2 सेमिनार आयोजित करने के बाद, प्लाई रिपोर्टर को यह रिपोर्ट मिल रही है कि प्लाइवुड उद्योग और व्यापार ग्रीनप्लाई द्वारा दी गई तकनीक और फॉर्मूलेशन के साथ प्रयोग कर रहा है। ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक श्री राजेश मित्तल ने ओकूमे फेस विनियर के फायदों की वकालत की और आश्वस्त किया कि ‘‘भारतीय प्लाइवुड मार्केट में ओकूमे के साथ कोई दिक्कत नहीं है, अगर पूरा उद्योग परीक्षण किए गए फॉर्मूलेशन और प्रक्रिया के साथ इसका उपयोग शुरू कर दे तो उद्योग के साथ-साथ निर्माताओ को भी फायदा होगा।‘‘ रिपोर्टरों ने पुष्टि की है कि जिस तरह ग्रीनप्लाई ने इसे बनाया है उसको खुदरा काउंटर द्वारा ओकूमे स्वीकार किया जा रहा है। वास्तव में डिपिंग के बाद कलर सिमिलरिटी और ग्रेन संरचना ने ओकूमे को गर्जन के जैसा लगने और महसूस होने लायक बना दिया है। प्लाई रिपोर्टर का अनुमान है कि अगले वर्ष इस समय तक प्लाइवुड उद्योग अपने फेस विनियर फीड का 60 प्रतिशत ओकुमे फेस पर स्थानांतरित कर देगा।

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