Mappel Showcased Steel Sheets for Interior/ Exterior Applications at Acetech New Delhi 2018

person access_time2 09 February 2019

गेहूं की फसल के मौसम के दौरान प्लांटेशन लॉग की आपूर्ति बाधित हुई जिससे लकड़ी की कीमतों में वृद्धि हुई है। इस हालात ने अप्रैल महीने के दौरान प्लाई-बोर्ड उत्पादकों को तैयार उत्पादों की दरों में 10 प्रतिशत तक वृद्धि करने के लिए मजबूर किया। बाजार सूत्रों ने पुष्टि की है कि ब्रांड, उत्पाद के प्रकार और कंपनियों के आधार पर प्लाईबोर्ड की कीमतों में उत्पादकों ने 4 से 10 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।

जमीनी स्तर पर इसका कारण, पोपलर वुड की कीमतों में 130 से 180 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। अप्रैल के दौरान, लॉग के कीमतों में वृद्धि के प्रभाव ने कोर विनियर की कीमतों को बढ़ा दिया जिससे निर्माताओं को तैयार उत्पादों में वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा। सफेदा से बने उत्पादों की तुलना में पोपलर की बनी प्लाई, बोर्ड और दरवाजे के निर्माता ज्यादा प्रभावित हुए। वैकल्पिक प्लाइवुड की कीमतें कंपनियों के आधार पर 4 से 6 प्रतिशत तक बढ़ने की सूचना थी।

बाजार के मुताबिक, फेस विनियर, फॉर्मल्डिहाइड, फिनाॅल, वुड सहित कच्चे माल की कीमतों की वर्तमान स्थिति में विभिन्न सामग्रियों में 5 से 25 प्रतिशत के बीच वृद्धि हुई है। इसके प्रभाव के चलते प्लाइवुड, बोर्ड और दरवाजे के उत्पादकों ने कीमतों में 6 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की, जबकि बाजार से प्राप्त सुचना के अनुसार 4 से 6 प्रतिशत तक की वृद्धि व्यावहारिक रूप से प्रभावी रही है।

गुजरात के एक सप्लायर ने प्लाई रिपोर्टर के संवाददाता को बताया कि बोर्ड और डोर की बढ़ी हुई कीमतों को विरोध के बिना स्वीकार किया गया था क्योंकि पोपलर और पाइन दोनों लकड़ी की दरें बढ़ीं और वृद्धि के चलते आपूर्ति भी प्रभावित हुई। हालांकि उन्हें लगा कि ग्राहकों को प्लाइवुड की बढ़ी हुई कीमत के लिए मनाना मुश्किल है, क्योंकि वे एक बार में 4-5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि स्वीकार नहीं करते हैं।

यह विदित था कि तैयार उत्पादों को बनाने के लिए बढ़ती इनपुट कॉस्ट के कारण, आल इंडिया प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए) के अधिकारियों ने अप्रैल के मध्य में दिल्ली में जनरल बॉडी मीटिंग की, और सामूहिक रूप से प्लाई बोर्डों की कीमतों में 6 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला किया, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया। बैठक में 12 राज्यों के निर्माताओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

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