जैसा कि पोपलर लकड़ी की कीमतें सिर्फ एक साल में ही लगभग दोगुनी हो गई हैं, ऐसे में अब बाजार में पाइन आधारित ब्लॉक बोर्ड की भरमार बढ़ती जा रही है। मार्च और अप्रैल के दौरान लॉग्स के मूल्य वृद्धि के प्रभाव ने पोपलर बेटन की कीमतों को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिससे निर्माताओं को पोपलर बोर्ड की कीमतों में वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा। पाइन आधारित ब्लॉक बोर्ड और डोर निर्माता इसको बढ़ावा देने के लिए सक्रिय हो गए हैं, क्योंकि वे पिछले 3 से 4 वर्षों से ऐसे ही समय का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पोर्ट आधारित प्लाइवुड निर्माण इकाइयां महसूस करने लगी हैं कि पाइन आधारित बोर्ड और डोर्स तथा पॉपलर आधारित बोर्ड और डोर के बीच कीमतों का अंतर कम हो रहा है, जिसके बाद अब बाजार में पाइन बोर्ड वाले सैंपल्स ज्यादा दिखने लगें है.
विभिन्न ब्लॉक बोर्ड मार्केट्स की रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि अप्रैल के दौरान पाइन ब्लॉक
सस्ते पोपलर के कारण पाइन आधारित बोर्ड और डोर निर्माता वर्ष 2014-15 से संघर्ष कर रहे हैं। पॉपलर बोर्ड और पाइन बोर्ड के बीच की कीमत का अंतर अब तक 15 से 20 रुपये था, जिससे पाइन की मांग गंभीर रूप से सीमित हो गई। वर्तमान स्थिति में अच्छी गुणवत्ता वाले पोपलर और पाइन बोर्ड के बीच का अंतर 10 से 12 रुपये तक रह गया है, इसलिए यह डीलरों के लिए काफी दिलचस्प हो गया है।
यहीं स्थिति डोर कटेगरी में भी अपेक्षित है। भारत में पाइन आयात के परिदृश्य को देखते हुए कांडला स्थित टिंबर ट्रेडर्स और इंपोटर्स का कहना है कि पाइन की कीमतें फिलहाल आगे नहीं बढ़ेंगी, इसके बजाय आने वाले महीनों में इसकी कीमत में कमी आएगी। इसकी न्यूजीलैंड और अन्य देशों से भारी आपूर्ति होती है, जो निर्यात के लिए भेजे जाने के लिए तैयार हैं, यही कारण पाइन की कीमतों को स्थिर रहेगी।
पाइन की उभरती संभावना पाइन आधारित बोर्ड निर्माताओं के लिए एक नया अवसर प्रदान करती है ताकि ये निर्माता बाजार तक अपने पहुंच बढ़ा सकें, क्योंकि पाइन आधारित बोर्ड और डोर को प्लांटेशन टिम्बर की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाला उत्पाद माना जाता है। कांडला स्थित कारखाने और पाइन बोर्ड निर्माताओं से पहले से ही पाइन बोर्ड और डोर के लिए ज्यादा इंक्वरी की जा रही हैं, और आने वाले महीनों में पाइन से संबंधित गतिविधियों और बाजार में तेजी दिखायी दे सकती है।