Abhiyan Group Organises Carpenter Meeting at Ahmadabad

person access_time3 31 August 2019

भारतीय पार्टिकल बोर्ड मैन्यूफैक्चरिग सेक्टर में प्री-लैम बोर्डों की गिरती कीमतों के कारण जबरदस्त दबाव का माहौल बनता जा रहा है। ओवर सप्लाई और कमजोर मांग एक सच्चाई है, क्योंकि यह लगभग हर सेगमेंट में हो रहा है। निर्माता मानते हैं कि मौजूदा मूल्य स्तर बहुत कम है, जो बाजार में टिके रहने के लिए अत्यधिक कठिनाई भरा है।

बाजार में कम गुणवत्ता वाले प्री-लैम बोर्ड की आपूर्ति में वृद्धि के चलते पार्टिकल बोर्ड के व्यापार में कीमतों पर दबाव पैदा कर रही है, इसलिए प्रॉफिट हासिल करने के लिए कई वितरकों या आयातकों या उत्पादकों ने अपने उत्पादों की कीमतों पर एक्सटेंडेड क्रेडिट पीरियड देने का विकल्प चुना है।

हाल ही में, अहमदाबाद में आयोजित पार्टिकल बोर्ड उत्पादकों की एक बैठक में उन्होंने सभी उत्पादकों को सस्टेनेबल लेवल पर रेट रखने और उद्योग व व्यापार में सुधार के लिए आॅगनाइज वर्किंग मॉडल को अपनाने की अपील की। उन्होंने सभी उत्पादकों को व्यापार में उठे अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का सुझाव दिया। स्थापित प्लेयर्स जिनका लॉन्ग टर्म प्लान है, वे महसूस करते हैं कि बजट हाउसिंग और रेजिडेंशियल सेगमेंट के ग्राहक रेडीमेड और सस्ते फर्नीचर पसंद करेंगे जो पार्टिकल बोर्ड सेगमेंट की मांग के मजबूत करेगी। पार्टिकल बोर्ड केटेगरी कमर्शियल स्पेस में विस्तार और उद्यमियों के उत्साही मनोदशा की मांग में बढ़ोतरी के कारण ओईएम और ऑर्गनाइज्ड फर्नीचर निर्माताओं की मांग में वृद्धि की उम्मीद करता है।

क्षेत्रीय व छोटे पार्टिकल बोर्ड प्लांट के प्रभुत्व के चलते कीमतों में सुधार नहीं हो रहा हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत में पार्टिकल बोर्ड संयंत्रों में से अधिकांशतः 180 से 200 सीबीएम की क्षमता वाली हैं क्योंकि ऐसे प्लांट इकोनोमिकल हैं और लंबे समय से चल रहे हैं। वर्तमान में प्रति दिन लगभग 10,000 सीबीएम क्षमता के साथ, भारतीय पार्टिकल बोर्ड उद्योग ने आयातित बाजार के शेयर पर कब्जा कर लिया है। पार्टिकल बोर्ड उद्योग बड़े पैमाने पर लकड़ी आधारित और बेगास-आधारित कैटेगरी में विभाजित है जहां दोनों प्रति दिन 5000 सीबीएम से ज्यादा के क्षमताओं के साथ चल रहे हैं।

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