Engineer Ply Offered New Range of Dyed and Metalic Veneer at IIR 2019

person access_time3 20 November 2019

भारत के हाई-प्रेशर लैमिनेट्स उद्योग में एक बार फिर कच्चे माल की अनिश्चितता के चलते कई प्लांट को सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया और कुछ तो दो सप्ताह तक बंद रहे। कच्चे माल और डॉलर की कीमतों में तेज वृद्धि के चलते के डेकोरेटिव लैमिनेट उद्योग कठिन दौर से गुजर रहा है। बेस पेपर के बाद मेथनॉल और मेलमाइन के साथ फेनाॅल की कीमतों में तेज वृद्धि ने उत्पादन को पूरे भारत में प्रभावित किया है। पिछले एक पखवाड़े के भीतर फेनाॅल की कीमतों में 30 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई थी, जिसने लैमिनेट उद्योग को तुरंत उत्पादन घटाने या बंद करने पर मजबूर कर दिया क्योंकि पुराने रेट पर बुक किए गए आर्डर वर्तमान संभावित लागत दर से बहुत कम था। आपूर्ति की कमी और मौजूदा परिस्थितियों में अधिकांश इकाइयों को उत्पादन को कम करने या यूनिट को बंद के लिए मजबूर किया।

एक तरफ फेनाॅल, प्रोसेस फ्लो को बुरी तरह प्रभावित किया तो दूसरी तरफ अन्य केमिकल मेथनॉल और मेलमाइन, जो एचपीएल मैन्यूफैक्चरिंग के लिए बहुत जरूरी है, की कीमतें इस अवधि में 15 फीसदी बढ़ी। गुजरात के प्लाई रिपोर्टर संवाददाता ने बताया कि निर्माताओ ने उत्पादन में 60 से 70 प्रतिशत कटौती की है, और अधिकांश इकाइयां एक सप्ताह में 4 से 5 दिनों में एक ही शिफ्ट चल कर रही हैं। चूकि गुजरात में दिवाली में लंबी छुट्टी होती है, इसलिए यहां उत्पादन नवंबर के दूसरे सप्ताह तक धीमा ही रहने की आशंका है।

उत्तर भारत स्थित एचपीएल इकाइयों ने अक्टूबर महीने में 50 प्रतिशत तक उत्पादन में कटौती की सूचना दी थी। सबसे ज्यादा वैसे प्लांट प्रभावित हुए जो भारी मात्रा में लाइनर ग्रेड लैमिनेट का उत्पादन कर रहे थे। रिपोर्टं के अनुसार सस्ते लैमिनेट्स और लाइनर की मैन्यूफैक्चरिंग व्यवहार्य नहीं है इसलिए कई कंपनियां बढ़ती हुई कीमतों की स्वीकृति और केमिकल तथा अन्य कच्चे माल की आपूर्ति आसान होने की प्रतीक्षा कर रही हैं। हाल के बाजार रिपोर्टं के मुताबिक, लाइनर ग्रेड लैमिनेट्स की कीमतों में अक्टूबर के पिछले हफ्ते के दौरान 30 रुपये प्रति शीट बढ़ी है।

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