फेनाॅल और मेथानॉल जैसे केमिकल, जिसका उपयोग डेकोरेटिव एचपीएल बनाने के लिए बड़ी मात्रा में किया जाता है, इनकी की कम कीमतें उद्योग के इनपुट कॉस्ट के रूप में एक बड़ा सहयोग रहा है। मेटेरियल और केमिकल के विश्वस्तरीय मांग कमजोर होने से आॅर्गनाइज ब्रांड और बड़े वॉल्यूम प्लेयर्स ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बेहतर लाभ प्राप्त किया, साथ ही कमजोर और संघर्षकारी उद्योगों को भी कम कीमत का फायदा मिला। इस अवधि के दौरान ग्रीनलैम इंडस्ट्रीज ने कुल राजस्व 327 करोड़ रु हासिल की, जो पिछली तिमाही में 275 करोड़ रु थी। कंपनी ने इस अवधि में 24 करोड़ रु का शुद्ध लाभ अर्जित किया जो पिछली तिमाही में 15 करोड़ रू थी।
स्टाइलैम इंडस्ट्रीज ने भी 118 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की, और शुद्ध लाभ ७.6 करोड़ रूपए कमाया। जहां पिछली तिमाही में बिक्री 112 करोड़ थी और शुद्ध लाभ 6.5 करोड़ रूपए था।
सेंचुरी प्लाई ने सितंबर क्वार्टर में अपने लेमिनेट कारोबार में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की और इस अवधि में 135 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री हुई, जो पिछली तिमाही में 107 करोड़ रुपए थी। इस अवधि में कंपनी को टैक्स समेत 17.8 करोड़ का लाभ हुआ जो जून तिमाही में 9.6 करोड़ रूपए था।
सेंचुरी प्लाई के कार्यकारी निदेशक श्री केशव भजंका ने कहा कि पिछला साल लैमिनेट के लिए प्रमुख बदलाव का वर्ष था, यह एक बहुत ही कठिन वर्ष रहा क्योंकि हमने एक तो उत्पादन क्षमता विस्तार किया था और दूसरा फेनाॅल की कीमत, जो की कुल कच्चे माल का एक प्रमुख घटक है, क्रूड आयल के दाम बढ़ने से काफी तेजी से बढ़ा। अब फेनाॅल की कीमतें स्थिर हो गई हैं और हम उस वृद्धि को पारित करने में सक्षम हैं जो पहले बाजार में थी। चूंकि इस तरह लैमिनेट में मार्जिन पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक रहने की संभावना है, तो हम 12 फीसदी से अधिक मार्जिन प्राप्त कर सकते हैं।