चारों ओर नकारात्मक खबरों की अधिकता से बहुत अधिक भय और अनिश्चितता का माहौल है, कि अब क्या करें, क्या ना करें। covid19 के दौरान और इसके बाद सभी लोग और कंपनियां अपने-अपने स्थितियों के आकलन करने में व्यस्त हैं और इस कठिन समय से कैसे पार पाना है, इसकी चिंता में पड़े हैं। व्यवसाय की बात करें तो, हम मोटे तौर पर इसे 3 श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैंः 1) जिन लोगों के पास नकद धन का रिजर्व फण्ड है 2) वे जिनको पर्याप्त पूंजी के माध्यम से अच्छी आय है, लेकिन अधिकांश फण्ड रोटेशन में है और कुछ भी रिजर्व नहीं है, 3) जिनके पास न तो रिजर्व फण्ड है और न ही उनका बाजार में बहुत पैसा लगा है और बैंक ऋण प्राप्त करने के लिए एक अच्छा बैलेंस शीट भी नहीं है (ये लोग कभी भी वास्तविक लाभ के साथ मेटेरियल नहीं बेच सके, बल्कि बिक्री के लिए पैसे को केवल घुमाएं और किसी तरह से बाजार में अब तक टीके है)।
covid19 में सुधार के बाद, टाइप-1 का व्यवसाय बढ़ सकता है, जबकि टाइप-2 निरंतरता से आगे आ सकता है, अगर वे नई परिस्थितियों के अनुसार योजना बनाये। जो कुछ हुआ है, उसमें घबराने और परेशान होने के बजाए, मैं उन्हें सुझाव दूंगा कि समय का उपयोग योजना बनाने में करें और आगे की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करें। व्यवसाय अब और ‘‘कठिन और प्रतिस्पर्धी‘‘ होने की उम्मीद है क्योंकि सभी बाजार से अधिक से अधिक प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इससे निश्चित रूप से अंडरकटिंग तेज हो सकती है और पैनल तथा डेकोरेटिव उत्पादों की कीमतें नीचे आ सकती हैं।
"अपने खर्च का पुनः आत्मनिरीक्षण करें, फिर से अपने काम की योजना बनाएं, क्योंकि कोई भी ब्व्टप्क्19 के प्रभाव से अछूता नहीं है। हम 140 करोड़ लोगों के साथ एक विविधतापूर्ण वाला देश हैं, जिसका अर्थ है कि अंततः फिर से अच्छी मांग होगी। हमें केवल यह समझना है कि वित्त और बाजार की नई वास्तविकता को समझकर इससे तालमेल बिठाते हुए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें। मेरे विचार में, वैक्सीन आने तक हमारी आशापूर्ण कमाई का 50 फीसदी (बिल्डिंग मेटेरियल और फर्नीचर सेगमेंट के लिए) भी अच्छा कहा जाएगा। आइए हम सभी मिलकर आशा और विश्वास को जीवित रखें।"
आने वाले महीनों, मई, जून, जुलाई में राहत की उम्मीद ज्यादा नहीं है, हालांकि जुलाई तक गतिविधियां लगभग 30 से 40 फीसदी तक होने की उम्मीद की जा सकती है। मेरा मानना है कि अगस्त और सितंबर तक जो फरवरी में था, उसका लगभग 50 फीसदी क्षमता पर रहेगा। अक्टूबर से दिसंबर 2020 तिमाही में सुधार की कुछ अच्छी गुंजाइश है। यदि हम अन्य प्रभावित देशों के परिदृश्य का विश्लेषण करें, तो वहां लोग तबाह हो जाएंगे, सप्लाई कहीं टूट चुकी होगी, वित्त चक्र टूट चूका होगा और पहले की योजनाएं अधिक प्रासंगिक नहीं रह जाएगी। समय पर लॉकडाउन के कारण भारत का उस गंभीर स्थिति में पहुंचने की उम्मीद नहीं है, फिर भी निश्चित रूप से फिर से योजना बनाने, रणनीति तय करने और काम काज फिर से शुरू करने की आवश्यकता होगी।
जनवरी से मार्च 2021 की शुरुआत नई आशाओं के साथ हो सकता है। covid19 के बाद व्यवसाय बहुत हद तक नए परिदृश्य, बजट के बदलावों और नए अवसर को अपनाएगा। मेरा व्यक्तिगत अनुमान है कि अगर हम सुरक्षित और जीवित रहेंगे, तो निश्चित रूप से अगले साल मार्च-अप्रैल के दौरान व्यवसाय वापस पटरी पर आ जाएगा।
एक अनुमानित समझ के मुताबिक, कुछ कंपनियां कर्मचारियों को निरंतर कुछ भत्ते का भुगतान करने की कोशिश कर रही हैं ताकि दोनों अच्छे समय वापस आने तक टिके रह सकें। जो भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं, वे निश्चित रूप से या तो ले-ऑफ करेंगे या छुट्टी पर भेज सकते हैं। असंगठित क्षेत्र में वेतन को लेकर चिंताएं बहुत अधिक हैं इसलिए इस कठिन समय का सामना करने के लिए पूरी श्रृंखला को एक साथ दृढ़ता से सहयोग करना होगा। दर्द को समझना होगा और एक दूसरे से साझा करना होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से दर्द साझा करने और एक साथ आगे बढ़ने की सलाह देता हूं। अपने खर्च का पुनः आत्मनिरीक्षण करें, फिर से अपने काम की योजना बनाएं, क्योंकि कोई भी covid19 के प्रभाव से अछूता नहीं है। हम 140 करोड़ लोगों के साथ एक विविधतापूर्ण वाला देश हैं, जिसका अर्थ है कि अंततः फिर से अच्छी मांग होगी। हमें केवल यह समझना है कि वित्त और बाजार की नई वास्तविकता को समझकर इससे तालमेल बिठाते हुए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करें। मेरे विचार में, वैक्सीन आने तक हमारी आशापूर्ण कमाई का 50 फीसदी (बिल्डिंग मेटेरियल और फर्नीचर सेगमेंट के लिए) भी अच्छा कहा जाएगा। आइए हम सभी मिलकर आशा और विश्वास को जीवित रखें। जोड़े व्यपार, बढ़ाए करोबार!