बिल्डर्स के लिए जैसे-जैसे देनदारी और प्रोजेक्ट डिलीवरी की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है और साईट पर मजदूरों की जरूरत बढ़ती जा रही है, इसलिए कई बिल्डर्स अब प्रवासी मजदूरों को बुलानें के लिए हवाई जहाज और एसी ट्रेन की टिकटों का बंदोवस्त कर उन्हें साईट पर वापस बुलाने के प्रयास कर रहे है। औसतन प्रति व्यक्ति हवाई जहाज की टिकट का खर्च 4000 हजार से 5000 पड़ रहा है।
हैदराबाद के एक बिल्डर ने मजदूरों को साईट पर बुलाने के लिए बात की हैं, और बताया कि वापस गए मजदूरों में से ज्यादातर आने के लिए तैयार हैं। हैदराबाद स्थित प्रेस्टीज ग्रुप के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट श्री आर सुरेश कुमार ने बताया कि यह कठिन समय है लेकिन हमें मजदूरों को वापस लाना ही होगा। हमने अपने कांट्रेक्टर को हवाई जहाज की टिकटें बुक करने को कह दिया है क्योंकि अभी फ्लाइट की टिकट 5000 रू तक में मिल जाती है। प्रेस्टीज ग्रुप के तीन प्रोजेक्ट पर हैदराबाद में काम चल रहा है।
बैंगलोर स्थित प्रेस्टीज ग्रुप अपने 10 कारपेंटरों के एक टीम को 6 जून को पटना से हवाई जहाज से बुलाया है। हैदराबाद से जाने वाले प्रवासी कामगारों को लॉकडाउन से बचने के लिए जान पर खेल कर यूपी, बिहार और झारखंड अपने घरों को लौटने के लिए बड़ी मुशीबतों का सामना करना पड़ा था।
उधर प्लाइवुड इंडस्ट्री के मालिक भी प्रवासी मजदूरों को स्पेशल बसें भेजकर और ट्रेन की टिकटें बुक कर वापस बुलाने शुरू कर दिए हैं। पंजाब के होशियारपुर स्थित सावित्री वुड्स इंडिया प्रा. लि. के निदेशक श्री मुकेश गोयल की पहल पर बिहार के किसनगंज से 32 मजदूरों को विशेष बस भेजकर वापस बुलाया गया है। श्री गोयल ने बताया कि सभी मजदुरों का मेडिकल जांच किया जाता है, फिर उन्हें काम पर लगाया जाता हैं। उन्होंने ये भी बताया कि आने वाले दिनांे में और मजदूरों का वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है।