तमिलनाडु सरकार ने 19 से 30 जून तक राजधानी चेन्नई के साथ साथ चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जैसे आसपास के जिलों में एक बार फिर पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की है, क्योंकि इन क्षेत्रों से कोविड19 के अधिक मामले उभर रहे हैं। चेन्नई भारत में वुड पैनल और डेकोरेटिव उत्पादों के सबसे बड़े बाजार में से एक है, जहां 1000 से अधिक प्लाइवुड और टिम्बर की दुकानें हैं। यहां बड़ी मात्रा में प्लाइवुड, टिम्बर, लैमिनेट, हार्डवेयर और विनियर की खपत होती है। इनके अलावा, चेन्नई में प्लाइवुड, पार्टिकल बोर्ड, प्री-लैम बोर्ड, फर्नीचर, ओईएम और किचन की कई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां भी हैं। साथ ही सेंचुरीप्लाई, सेंचुरी पार्टिकल बोर्ड्स, ओसविन प्लाई, यूनिप्लाई आदि के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स इन्हीं क्षेत्रों में स्थित हैं। शेरोन प्लाइवुड के जीएम, श्री राजू शर्मा ने बताया कि कंपनी और अधिक कामगारों की व्यवस्था कर अपने उत्पादन में सुधार करने की कोशिश कर रही है, साथ ही शेरोन प्लाइवुड की मांग चेन्नई के बाहर के इलाकों से नियमित रूप से बढ़ रही है लेकिन अब फिर से लॉकडाउन होने से हमारा सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा।
महावीर वुड्स और विनियर के श्री मुकेश जैन ने कहा कि 3 जून के बाद बाजार अच्छा चल रहा है, हालांकि सार्वजनिक परिवहन शहर में नहीं चल रही है, फिर भी पेंडिंग काम और लोगों के घरों से ऑर्डर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लगभग 40 फीसदी बिक्री पर पहुंच गए हैं। सरकार ने चेन्नई के साथ साथ तमिलनाडु के तीन और जिलों में पूर्ण तालाबंदी का निर्णय लिया है। यह दूसरे ग्रामीण इलाकों वाले जिलों को तत्काल फायदा पहुंचाएगा, लेकिन स्थानीय बाजार बुरी तरह प्रभवित होंगे। यह बीमारी ने हमें काफी परेशान किया है, लेकिन अच्छी बात यह है कि मरीजों की रिकवरी भी तेजी से हो रही है।
चेन्नई स्थित जैन टिम्बर के श्री भावेश जैन ने कहा कि व्यापार का परिदृश्य बहुत परेशानी भरा है, अब एक और लॉकडाउन हमारे व्यवसाय पर और गंभीर प्रभाव डालेगा। मुझे लगता है कि 10 दिनों का लॉकडाउन पर्याप्त नहीं है, इसलिए यह निश्चित रूप से और 20 दिनों के लिए बढ़ेगा। पहले लॉकडाउन के बाद शहर में जो भी बचे खुचे लेवर (लगभग 30 फीसदी) हैं, अब वे भी शहर से बाहर चले जाएंगे, जिससे इस लॉकडाउन से चेन्नई स्थित व्यवसायों को एक बड़ा झटका लगेगा। उन्होंने कहा कि हम पहले उतना प्रभावित नहीं हुए थे क्योंकि व्यवसाय लगभग 50 फीसदी पहुंच चुका था और हम इससे खुश थे क्योंकि बिक्री ज्यादातर नकद में ही हो रही थी।
अल्ट्रा विनियर एंड डोर्स प्राइवेट लिमिटेड के श्री मनोज मोहता ने कहा कि यह फैसला बीमारी फैलने की प्रक्रिया को सिर्फ टालने जैसा है, लेकिन वर्तमान स्थिति में इसकी बहुत आवश्यकता थी। चेन्नई में चुलाई स्थित प्लाइवुड और टिम्बर बाजार भारत के सबसे बड़े बाजार में से एक हैं। अगर हम व्यवसाय व बिक्री के लिए जोखिमों की तुलना करें तो खतरा बहुत अधिक है और फायदे कम, क्यांेकि बाजार में मांग कम है। शहर के कई क्षेत्र पहले से ही कन्टेंटमेंट जोन में थे और ज्यादातर श्रमिक इन्हीं जोन के आस पास के क्षेत्रों से ही आते थे, इसलिए बड़ी संख्यां में लोगों को कोविड 19 से प्रभावित होने के आसार थे। बाजार 11 मई से खुल रही थी लेकिन एक महीने में हमने केवल 25 फीसदी कारोबार किया, क्योंकि अभी छोटे प्रोजेक्ट पर ही काम हो रहे हैं। हमारे व्यावसाय में कुछ लोगों को 10 दिन पहले कोरोना हुआ था, लेकिन उनमें से अधिकांश अब ठीक हो गए हैं।