ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सेंचुरी प्लाइबोर्ड्स (प्) लिमिटेड जैसी अग्रणी कंपनियां कच्चे माल की सतत् उपलब्धता के लिए अपनी पहुंच को व्यापक बना रही हैं और कड़े प्रयास कर रही हैं। ये कंपनियां व्यापक अनुसंधान कर रहे हैं, ट्री डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं, वृक्षारोपण के लिए नई तकनीकों के लिए इनोवेशन कर रहे हैं ताकिप्लांटेशन ट्री के शार्ट रोटेशन में गुणवत्तापूर्ण टिम्बर के साथ बेहतर उपज प्राप्त की जा सके।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड, लंबे समय से कच्चे माल की सतत उपलब्धता और इसके खरीद के साथ वुड पैनल उद्योग के सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी प्रकार लकड़ी के लिए ग्रीनप्लाई ने अपनी प्लांटेशन गतिविधियां बहुत पहले शुरू कर दिया था। अब तक देश में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 2.5 लाख पौधे विकसित किए गए हैं और स्थानीय किसानों को वितरित किए गए हैं, जिन्होंने वृक्षारोपण के तहत लगभग 5000 एकड़ मार्जिनल और डेग्रेडेड लैंड को कवर किया है।
सेंचुरी प्लाई बोर्ड्स ने भी वृक्षारोपण अभियान चलाया है और अपने\ होशियारपुर एमडीएफ प्लांट द्वारा पौधे वितरित करने वाली कई नर्सरियों के सहयोग से बजटीय खर्च के रूप में लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो कि वित्तीय वर्ष 17 से वित्त वर्ष 20 तक पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 6750 किसानो को 52.23 लाख पौधे वितरित किये है। पिछले वित्तीय वर्ष यानी वित्त वर्ष 19-20 में, कंपनी ने 3,057 किसानों को 22.83 लाख पेड़ पौधे वितरित किए हैं, जिसमें 66 फीसदी (91 लाख रुपये) सैपलिंग पर खर्च हुए है, जो प्लांटेशन पर खर्च होने वाले कंपनी के पिछले दो वर्षों के खर्च के बराबर है।
तमिलनाडु के फारेस्ट कोलाज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के डीन (फॉरेस्ट्री) डॉ के टी पार्थिबन ने कहा कि वे एक विकल्प के रूप में तमिलनाडु और पूरे दक्षिण भारत में मेलिया दुबिया और कई अन्य प्रजातियों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके लिए क्वालिटी ग्रेड रोटेशन तय किया गया है। पहचान और तकनीकी विनिर्देश/आकार स्टैंडर्डाइज किए गए हैं। यह सब सेंचुरी प्लाइबोर्ड्स के सहयोग से किया गया है। कोर और फेस विनियर दोनों के लिए विशेष रूप से प्लाइवुड उद्योग के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से प्लांटेशन के लिए चुनिंदा किस्मों को किसानों को दिया गया है।
इस क्षेत्र के विकास के लिए, उन्होंने पौधों के उत्पादकों को उनके बेहतर जीवन यापन के लिए वृक्षारोपण की ओर प्रेरित करने के लिए लकड़ी की गुणवत्ता में सुधार और टिकाऊ तरीके से इसकी उपलब्धता के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया। कंपनियां प्लांटेशन के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करने के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराती हैं और बेहतर उत्पादन के लिए किसानों की सराहना करती हैं। कंपनियों का मानना है कि वुड पैनल उद्योग के विकास के लिए सस्टैनबिलिटी कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य है।
विकास के लिए सस्टैनबिलिटी कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य है। ग्रीनप्लाई प्लांटेशन प्रोजेक्ट कच्चे माल की आत्मनिर्भरता और भविष्य में इसकी निरंतर उपलब्धता हासिल करने के उद्देश्य से तेजी से बढ़ते शार्ट रोटेशन ट्री स्पेसीज के सर्वोत्तम गुणवत्तापूर्ण पौधे का विकास और सीमांत भूमि पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में महत्वपूण्र् ा भूमिका निभाता है। वे वृक्ष उत्पादकों को ऑडियो, वीडियो और साहित्य के प्रकाशन के माध्यम से फसल कटाई के बाद तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं और उनके प्रोत्साहन, संवर्धन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए समय-समय पर बैठकें आयोजित कर स्थानीय निवासियों के साथ चर्चा करते है।
वे सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय वानिकी अनुसंधान संगठन के सहयोग से प्रति इकाई क्षेत्र में उच्च उत्पादकता प्राप्त करने के लिए वानिकी तकनीक में सुधार करने का प्रयास करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल वातावरण बनाने, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने, प्राकृतिक दबाव को कम करने के साथ-साथ पेड़ उत्पादकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करते हैं तथा वन और ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव को कम करते हैं। वे पेड़ों की प्रजातियों के क्लोनल प्रसार के माध्यम से ग्रीन कवर को बेहतर बनाने के साथ ग्रीन इंडिया मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, इसके लिए वांछनीय करेक्टर वाले सबसे बढ़िया प्रजाति के पेड़ का चयन करके उसके तेज और सतत विकास, ज्यादा उपज, रोग और कीट प्रतिरोधी किस्में विकसित करते है।
कंपनी द्वारा की गई पहल से कम लागत पर प्रभावी प्लांटेशन तकनीक की शुरुआत हुई है। तेजी से बढ़ते छोटे रोटेशन के प्रजातियों जैसे खोखन, बोगीपोमा, मेलिया दूबिया, यूकेलिप्टस आदि के सर्वश्रेष्ठ आनुवांशिक पौध के प्रदर्शन और तैनाती कर, वे उत्पादकों के लिए अधिकतम लाभ सुनिश्चित करते हैं। वृक्षारोपण के साथ उपयुक्त इंटरक्रॉप्स को अपनाने के लिए उपयुक्त कृषि सिल्वीकल्चरल के माध्यम से उत्पादकों को अधिक उपज और अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने में मदद की।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और एमडी राजेश मित्तल कहते हैं कि अगर आप नहीं बढ़ते हैं, इसका मतलब है आप घट रहे हैं; इसलिए सस्टेनबल ग्रीनरी एक विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। कृषि फॉरेस्टरी टिम्बर एक अक्षय संसाधन है, और यह पानी, कार्बन और नाइट्रोजन चक्रों सहित विभिन्न प्राकृतिक चक्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक समाज के रूप में हमारे पास रिन्यूएबल मेटेरियल के उपयोग करने का अवसर है, जिसे सावधानीपूर्वक उपयोग कर सतत आपूर्ति के लिए प्रबंधित किया जा सकता है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में मदद करना हमारा नैतिक दायित्व भी है।
भारतीय इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के बीच ग्रीनप्लाई एक लीडिंग इंडस्ट्री है, जो मार्जिनल और डिग्रेडेड कृषि भूमि पर तेजी से बढ़ते शार्ट रोटेशन प्लांट स्पेसीज के बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण व इसके संवर्धन के द्वारा कच्चे माल के विकास के माध्यम से समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विभिन्न सस्टेनबल ग्रीन इनिशिएटिव में अग्रणी है, जो उद्योग के अस्तित्व सुरक्षा, इसकी क्रमिक विकास और भविष्य में विस्तार के लिए आवश्यक है।