सितंबर महीने की बिक्री वुड पैनल सेक्टर में विशेष रूप से संगठित प्लेयर्स का मनोबल बढ़ाने वाली रही है। बड़े पैमाने पर अचानक आर्डर मिलना पूरे प्लाइवुड और लेमिनेट इंडस्ट्री को आश्चर्यचकित कर दिया, लेकिन संगठित क्षेत्र के दावे बेहतर वापसी का संकेत दे रहे हैं। देश भर में व्यापक नेटवर्क के साथ, मजबूत सप्लाई चेन और अच्छी तरह से तैयार किए गए मैन्युफैक्चिरिंग प्लांट के बैकअप, सही प्रक्रिया और प्रणाली के साथ, संगठित क्षेत्र ने बाजार को बहुत आशाजनक आपूर्ति प्रदान की है। वर्तमान परिदृश्य के अनुसार, सितंबर में बम्पर ऑर्डर ने स्पष्ट रूप से संगठित ब्रांडों को बडी सहायता प्रदान की है जो उनकी दूसरी तिमाही की बिक्री में प्रतिबिंबित होगा। प्लाइवुड और लेमिनेट केटेगरी में पिछली तिमाही की तुलना में आश्चर्यजनक और बेहतर प्रॉफिट मार्जिन का संकेत हैं।
ग्रीनप्लाई, सेंचुरीप्लाई, ग्रीनलैम, स्टाइलम, ग्रीनपैनल, रॉयलटच, आर्किडप्लाई, ऑस्टिन प्लाइवुड, ड्यूरो प्लाई आदि जैसे संगठित ब्रांडों का तिमाही परिणाम इस रिपोर्ट को लिखने के बाद घोषित होगा, लेकिन बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि इन ब्रांडों ने अगस्त में महत्वपूर्ण सुधार किये है और सितंबर में अनुमान से कहीं अधिक है। प्लाइवुड और लेमिनेट के अलावा अन्य उत्पादों के संगठित ब्रांड की भी मांग बढ़ी है, जो एमडीएफ में लगभग 100 प्रतिशत, प्लाइवुड में 90 प्रतिशत और लैमिनेट्स में कोविडके पहले के स्तर का 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
सितंबर में ऑर्डर पर टिप्पणी करते हुए, उद्योग के कई लीडरों ने समझाया कि उद्योग ने वित्त वर्ष के राजस्व में 15-20 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था, लेकिन चल रही गतिविधि से लगता है, वित्त वर्ष 2020-21 पिछले वर्ष के बराबर पर पहुंच सकता है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के अधिकारी अब यह अनुमान लगा रहे हैं कि अगर बाजार इसी गति से बढ़ता रहा तो संगठित वुड पैनल और डेकोरेटिव सेक्टर में आशाजनक रूप से अच्छे परिणाम आएंगे, क्योंकि सभी प्रतिष्ठानांे ने बहुत अधिक और लगातार नुकसान उठाया हैं।
ज्ञातव्य है कि संगठित ब्रांडों की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) की बिक्री में पिछली बिक्री की तुलना में 45 से 55 प्रतिशत गिरावट दर्ज की थी। हालांकि, पैनल उद्योग ने जुलाई 2020 में अप्रत्याशित रूप से बेहतर वापसी की है, जबकि प्लाइवुड और लेमिनेट उद्योग में 60 फीसदी से ऊपर उत्पादन हुआ और ऑर्डर बुक में ऑर्डर का दोगुना इजाफा हुआ।