वेडिंग इंडस्ट्री और स्पेस बुकिंग बढ़ने से इको-ग्रेड प्लाई की अच्छी लिफ्टटिंग देखी गई है। रिनोवेशन का काम भी सितंबर और अक्टूबर में इको-ग्रेड प्लाइवुड उत्पादन और बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। सितंबर के दूसरे सप्ताह में इको-ग्रेड प्लाइवुड में पिकअप शुरू हुआ और अभी भी जारी है, जो दिसंबर तक जारी रहने की उम्मीद है। लंबे समय तक टाले जाने और बाद में शादियों की संख्या दोगुनी होने से उत्पादकों को निरंतर सप्लाई का दबाव बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों से कोविड के पहले से ही अच्छी मांग है। प्लाई रिपोर्टर के अनुमान के अनुसार सितंबर और अक्टूबर में, ईको-ग्रेड प्लाईवुड की मांग जनवरी 2020 के प्री कोविड स्तर की तुलना में 15 फीसदी अधिक थी। ईको-ग्रेड प्लाईवुड का औसत ऑर्डर पेंडेंसी सामान्यतः एक सप्ताह के बदले 25 दिन तक चली गई है, हालांकि मध्यम सेगमेंट प्लाइवुड के लिए यह समय इतना आशावादी नहीं था।
43 रूपए या उससे कम के इको-ग्रेड प्लाइवुड की मांग सामान्य से अधिक रही। मध्यम सेगमेंट और वैल्यू एडेड प्लाइवुड जैसे एमआर और मरीन ग्रेड प्लाइवुड की मांग शुरू में अच्छी थी, लेकिन बाद में नवंबर महीने में लुढ़क गई। नवंबर महीने में सभी राज्यों से मिली रिपोर्ट के अनुसार इको-ग्रेड की मांग निरंतर मजबूत होने का संकेत हैं, लेकिन 50 रूपए से ऊपर की कैटेगरी की मांग 30 फीसदी कम हैं।
इको-ग्रेड प्लाइवुड का उपयोग अनऑर्गनाइज्ड फर्नीचर निर्माताओं, मध्यम वर्ग के उपभोक्ता और ठेकेदारों द्वारा किया जाता है। अक्टूबर और नवंबर में 3 लाख करोड़ के वेडिंग इंडस्ट्री में तेजी से इको-ग्रेड प्लाइवुड की मांग बढ़ने से बड़ी मात्रा में लैमिनेट की भी मांग बढ़ी, क्यांेकि शादियों के लिए तम्बू और शमियाना बनाने के लिए प्लाइवुड की आवश्यकता होती है। 5 लाख करोड़ के इवेंट इंडस्ट्री के असाइनमेंट में एक अनुमान के मुताबिक 60 फीसदी वेडिंग इंडस्ट्री द्वारा उपयोग किया जाता है। ट्रेड के लोगों ने प्लाई रिपोर्टर को बताया कि अप्रैल, मई और जून 2020 की बिक्री को पूरा करने के लिए, यहां तक कि क्वालिटी खरीददार इन दिनों कम कीमत वाली प्लाई के लिए पूछ रहे हैं।