सरकार के सहयोग के बाद फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग में स्थिरता

Tuesday, 29 December 2020

कोविड ने भारत को स्थानीय स्तर पर फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग को और अधिक गंभीरता से लेने की लिए प्रेरित किया। सरकार द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल‘ और पीएलआई की पेशकश पर जोर देने से घरेलू फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग को काफी बल मिला है। नीति परिवर्तन और विकास से सीधे लाभान्वित, वुड पैनल इंडस्ट्री, लेमिनेट सेक्टर, हार्डवेयर और एल्यूमीनियम इंडस्ट्री और फर्नीचर उद्योग अपने उत्पाद पोर्टफोलियो के साथ विस्तार करने के लिए आत्मविश्वास से भरा है। फर्नीचर आयात पर इम्पोर्ट ड्यूटी में 5 फीसदी की वृद्धि के साथ आयात के लिए कई और बाधाएँ घरेलू फर्नीचर मैन्युफैक्चरर्स को अधिक अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहा हैं।

कोविड-19 महामारी के बाद आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसे सरकार की नई पहल ने लोगों को घरेलू सामान का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उद्योग को काफी मदद मिली। भारत सरकार भी बंदरगाहों के पास तीन से चार फर्नीचर क्लस्टर स्थापित करने के लिए तेजी से काम कर रही है, जो वुड प्रोसेसिंग एरिया के आसपास हैं।

भारत हर साल लगभग 4500 करोड़ ($700 मिलियन) का फर्नीचर आयात करता है। फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग में एक अच्छी और गंभीर नैतिक वृद्धि देखी गई, जो इस तथ्य के बावजूद, चीन में मैन्युफैक्चरिंग 40 फीसदी तक सस्ती है, उस पर निर्भरता कम कर रही है। इम्पोर्ट ड्यूटी अधिक होने से घरेलू प्लेयर्स यह महसूस कर रहे हैं, कि फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग में कई और उधमी आ सकते हैं और मजबूत स्थानीय ब्रांड बना सकते हैं। मुफ्त आयात के अवसर और स्थानीय सरकारी सुविधाओं और मौजूदा सप्लाई चेन की उपलब्धता के साथ कई कंपनियों के चीन से वियतनाम में जाने से वियतनाम से एक मजबूत प्रतिस्पर्धा के चलते भारतीय फर्नीचर निर्माताओं के लिए यह सफर बिल्कुल आसान नहीं है। इसके बावजूद, भारत सरकार घरेलू के साथ-साथ विदेशी प्लेयर्स, जो आत्मानिर्भर भारत ’और’ वोकल फॉर लोकल’ का हिस्सा बनने के इच्छुक है, के लिए भी बेहतर अवसर प्रदान करने की कोशिश कर रहे हंै।

देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की सरकार की पहल सही दिशा की ओर बढ़ रही है। देश भर में सकारात्मकता का माहौल है। टीओआई द्वारा किए गए सर्वे में यह संकेत है कि मैन्युफैक्चरिंग में क्षमता का उपयोग पिछले वर्ष के चैथी तिमाही में 61.5 फीसदी की तुलना में अब तक 65 फीसदी तक बढ़ी है। यह सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए बयान में भी स्पष्ट है, जैसा कि हाल ही में व्यापार और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने व्यापार मंडल (ठवज्) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने 24 क्षेत्रों की पहचान की है जो 20 लाख करोड़ रुपये (266 करोड़ डॉलर) के वार्षिक उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं।

उन 24 सेक्टरों में फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग भी शामिल है, जिसके लिए सरकार लॉग्स और सॉ टिम्बर के आयात को आसान बनाकर अधिक अवसर प्रदान करने का इरादा है। फर्नीचर निर्माताओं का कहना है कि बढ़ती घरेलू खरीद के साथ, उनके पास और अधिक दुकानें या फुलफिलमेंट सेंटर खोलकर अपने उपभोक्ता आधार को बढ़ाने के लिए पूंजी भी होगी। वे यह भी कहते हैं कि सरकार को तैयार माल के आयात पर अधिक प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ उत्पादन को सस्ता करना होगा और लॉग तथा लम्बर के आयत को सस्ता बनाना होगा, क्योंकि कच्चे माल को तैयार उत्पाद में परिवर्तित करने में ही सबसे अधिक लेवर का उपयोग होता है।

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