एसीपी मैन्युफैक्चरर्स से हुई बातचीत के अनुसार कई राज्यों में लॉकडाउन के बावजूद मई महीने में एसीपी सेक्टर में लगभग 50 प्रतिशत बिक्री हासिल करने की सूचना है। कंपनियों के मालिकों और विशेषज्ञों ने कहा कि परियोजनाओं और कमर्शियल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन मई में भी जारी रहे, जिससे उन्हें अपनी 50 फीसदी मांग बनाए रखने में मदद मिली। जून में रिपोर्ट लिखे जाने तक एसीपी सेगमेंट में डिमांड 60 से 65 प्रतिशत तक रही और आगे बढ़ने की उम्मीद है। एलस्टोन, एलस्ट्रॉन्ग, अल्यूडेकोर, वीवा, यूरोबॉन्ड, टाइमेक्स बॉन्ड, एलेक्स पैनल आदि के सूत्रों मिली जानकारी के अनुसार उद्योग, राजमार्ग और परिवहन तथा कमर्शियल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन व प्रोजेक्ट के निर्वाध तरीके से चलने से अप्रैल का सेल्स और वॉल्यूम 50 फीसदी तक बनी रही।
यूरोबॉन्ड के निदेशक श्री राजेश शाह ने स्पष्ट किया कि मई में बिक्री अप्रैल महीने के 50 फीसदी से अधिक थी और जून में इसमें सुधार हो रहा है क्योंकि लॉकडाउन के बावजूद कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहा। दिल्ली-एनसीआर के एक बिल्डर का कहना है कि प्रोजेक्ट तो चल रहे हैं लेकिन लेबर की कमी के चलते वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहे है। वह आगे कहते हैं कि एसीपी बहुत ही किफायती फसेड मटेरियल है, जो क्वालिटी के अनुसार 55 से 65 की रेंज में उपलब्ध है। यह कार्यों का निष्पादन तेजी से करने के लिए उपयुक्त है।
इसके अलावा, इस लॉकडाउन में डिवीजन पैनल की अच्छी मांग रही, क्योंकि अस्थायी कोविड होम, अस्पताल, केबिन, बाथरूम और डोर बनाने के लिए इसकी काफी मांग थी। नई मांग, आक्रामक मूल्य निर्धारण, अच्छी सप्लाई के साथ-साथ इसके साथ काम करने में आसानी के कारण डिवीजन पैनल सेगमेंट में भी डिमांड 80 फीसदी पहुंच गई थी। 40 से अधिक एसीपी मैन्युफैक्चरिंग इस्टैब्लिशमेंट के साथ, भारत में डिवीजन पैनल की पर्याप्त आपूर्ति है, जो 28से 36 रु.के रेंज में बाजार में उपलब्ध है।
2200 करोड़ रु. का भारतीय एसीपी उद्योग, जून में लगभग 70 फीसदी क्षमता उपयोग तक पहुंचने की उम्मीद है, जो इस उभरते सेगमेंट के लिए रिकवरी के अच्छे संकेत है। हालांकि क्वालिटी ब्रांडों का कहना है कि यदि गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की मांग और भविष्य के विकास पर विचार करें तो अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।