केरल स्थित वुड पैनल और प्लाइवुड उद्योग लकड़ी की कीमतों में भारी वृद्धि का सामना कर रहा है। नवंबर महीने में भारी बारिश के कारण रबड़ की लकड़ी की कीमतों में वृद्धि के कारण प्लाइवुड उत्पादों के कच्चे माल की कमी और लागत में वृद्धि हुई है। केरल के पेरुंबवूर स्थित निर्माताओं के अनुसार, कीमतें 7500 रुपये से 8000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच तक पहंुच गई है। जबकि लकड़ी की कीमत एक महीने पहले करीब छह हजार रुपये थी।
उद्योग के सूत्रों ने बताया कि लकड़ी की कीमतों में मांग और आपूर्ति की कमी के कारण उतार-चढ़ाव हो रहा है। पूरे राज्य में भारी बारिश के कारण रबर की लकड़ी की उपलब्धता में कई अड़चने आ रही है, जिससे पेरुंबवूर, कन्नूर और आसपास के क्षेत्रों में स्थित प्लाइवुड और पार्टिकल बोर्ड उद्योगों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
प्लाई रिपोर्टर से बात करते हुए केरल प्लाइवुड एंड सॉ मिल्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मुजीब रहमान ने कहा, “बारिश होने और लकड़ी की कम आपूर्ति के कारण, उद्योग केवल 60 फीसदी क्षमता का उपयोग कर रहा है। रबड़ की लकड़ी की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं, और आपूर्ति की कमी काफी ज्यादा है। राज्य का वुड पैनल इंडस्ट्री पड़ोसी राज्यों से मेलिया दूबिया की लकड़ी ला रही हैं। मेलिया दूबिया प्लांटेशन के चलते ही वुड पैनल इंडस्ट्री को कच्चे माल मिल पा रहा है। मेलिया दूबिया की कीमतें थोड़ी अधिक है, लेकिन दक्षिण राज्यों में इसकी अच्छी उपलब्धता है। हालांकि मेलिया दूबिया हल्के वजन की लकड़ी है, पर यह अलटरनेट प्लाइवुड बनाने के लिए उपयुक्त है।
ज्ञातव्य है कि केरल में प्लाइवुड बनाने के 400 से अधिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जो मुख्य रूप से कच्चे माल के लिए रबड़ की लकड़ी पर निर्भर है। सप्लाई की कमी और लकड़ी की बढ़ती कीमतों के चलते यहां का पूरा वुड पैनल इंडस्ट्री परेशान है।