कोविड 19 के चलते मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हुआ है, दूसरी तरफ विश्व अर्थव्यवस्था में सभी मेटेरियल की भारी मांग है, जिससे आपूर्ति की कमी बहुत ज्यादा है। पूरी दुनिया में, वुड विनियर की मांग बढ़ गई है, क्योंकि इन देशों में उपलब्धता काफी ज्यादा पैसों के कारण हाउसिंग सेक्टर में तेजी आई है। अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में मांग इतनी अधिक है कि कच्चा माल आसानी से उपलब्ध नहीं है। यूरोप में विनियर आपूर्तिकर्ता बताते हैं कि यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में डेकोरेटिव विनियर, लकड़ी और लॉग की काफी मांग है, इसलिए उन्हें सस्ते बाजार को देखने की जरूरत नहीं पड़ रही है। विनियर की आपूर्ति करने वाली कंपनियों का कहना है कि वे ऑर्डर में पूरी तरह व्यस्त हैं; इसलिए वे भारत के बाजार की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं क्योंकि वे बहुत ही इकोनॉमिकल ग्रेड मेटेरियल मांगते हैं।
भारतीय डेकोरेटिव विनियर इंडस्ट्री वर्तमान में यूरोप और अमेरिका से सप्लाई की कमी का सामना कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों के पास प्रीमियम ग्रेड विनियर्स और लम्बर का एक अच्छा ऑर्डर है। अंतरराष्ट्रीयबाजार में वॉलनट, ओक, ऐश और ट्यूलिप टिम्बर की काफी मांग है।
विनियर और टिम्बर के सप्लायर श्री भरत सेठ ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि ‘अभी सप्लायर का बाजार है और कम उपलब्धता के कारण, वॉलनट, ओक आदि की कीमतें निश्चित रूप से 20 फीसदी ज्यादा हैं। ट्यूलिप वुड की भी भारी कमी है, जिसकी भारत में काफी मांग है, इसलिए, हमें स्थिति को स्वीकार करना होगा और कच्चे माल की ऊँची लागत की चुनौती का सामना करना होगा। श्री सेठ कहते हैं, ‘मौजूदा कम सप्लाई की स्थिति लंबे समय तक बनी रहेगी, इसलिए घरेलू उद्योग अभी डाईड और विशेष प्रकार के रिकॉन विनियर पर ध्यान दे सकतें हैं। भारत में, घरेलू विनियर उद्योग किसी भी कीमत पर विनियर और लकड़ी खरीदने की पूरी कोशिश कर रहा है। हालांकि आने वाले समय में तैयार उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी। टाइमेक्स विनियर के निदेशक श्री सुरेश शाह का कहना है कि लकड़ीऔर विनियर की कमी है और शिपमेंट के आने में देरी हो रही है, लेकिन वह अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं और यूरोप व यूएसए से मेटेरियल खरीदने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।