क्राफ्ट पेपर की कीमतें 45 के पार, लेमिनेट इंडस्ट्री पर छाये संकट के बादल

Wednesday, 16 March 2022

ओब्जर्वेन्ट क्राफ्ट पेपर उपयोग करने वाला पूरा उद्योग क्राफ्ट पेपर बाजार के बेहद अस्थिर परिदृश्य के चलते अटक गया है। क्राफ्ट पेपर की मांग और आपूर्ति पिछले दो सालों से काफी बेमेल बनी हुई है। खासकर पिछले 3 महीने से हालात बद से बदतर होती जा रही है। क्राफ्ट पेपर की कीमतें 34 के पार चली गई जिसके चलते एचपीएल सेक्टर को काफी नुकसान पहुंचा क्योंकि बाजार उसके बढ़ते लागत का भुगतान करने में कोई सहयोग नहीं करता है। यह डेकोरेटिव लेमिनेट या कोरोगेटेड बॉक्स इंडस्ट्रीजैसे क्राफ्ट पेपर पर निर्भर उद्योगों तो तगड़ा नुकसानपहुंचाया है। चाहे वह लाइनर ग्रेड रेंज हो, इंडस्ट्रियल ग्रेड या क्लैडिंग, सभी एचपीएल प्रोडक्ट केटेगरी फरवरी के अंतिम 3 सप्ताह से काफी ज्यादा प्रभावित है। सप्लाई और प्राइस मिसमैच के कारण, लेमिनेट इंडस्ट्री परेशान हो रही हैं। लेमिनेट उत्पादकों का कहना है कि उद्योग द्वारा कीमतें बढ़ने की घोषणा से भी कोई मदद नहीं मिल रही है।

बी ग्रेड क्राफ्ट पेपर 22 फरवरी के अंतिम सप्ताह से 45 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, जो कोविड से पहले 25 रुपये के आस पास था। पिछले दो वर्षों में कीमतों मेंयह लगभग 80 फीसदी का उछाल है। गुरुकृपा इंडस्ट्रीज, अहमदाबाद के श्री किशोर भाई ने कहा कि मुख्य रूप से क्राफ्ट पेपर की लागत में वृद्धि का कारण रद्दी कागज की कीमतों का काफी ज्यादा होना है। रद्दी कागज का कलेक्शन नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण रद्दी कागज, कार्टन आदि पुनर्चक्रण के लिए सप्लाई चेन में वापस नहीं आ रहे हैं। पेपर मिल इनपुट कॉस्ट बढ़ने का हवाला देते हैं, इसलिए उनके अंतिम उत्पाद, क्राफ्ट पेपर की कीमतों में वृद्धि होती है।

दूसरी ओर, श्री किशोर कहते हैं कि क्राफ्ट उत्पादक कंपनियां भी कार्यशील पूंजी की वृद्धि की जरूरत होती हैं। अहमदाबाद के श्री हसमुख अग्रवाल का कहना है किनिकट भविष्य में कीमतें 30 से नीचे नहीं आएंगी और यह अगले दो-तीन महीनों तक 40 से ऊपर ही बनी रहेगी।
 

Image
Ply Reporter
Plywood | Timber | Laminate | MDF/Particle Board | PVC/WPC/ACP

Ply Reporter delivers the latest news, special reports, and industry insights from leading plywood manufacturers in India.

PREVIOS POST
Laminate Industry in Tears as Prices of Kraft Paper Conti...
NEXT POST
North India Faces a 25% Shift in Cost of Core Veneer