वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर स्थित प्लाइवुड और डेकोरेटिव पैनल इंडस्ट्रीज को बॉयलरों में ‘बायोमास फ्यूल‘ के इस्तेमाल की अनुमति देकर बड़ी राहत दी है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनसीआर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल यूज के लिए बायोमास फ्यूल के उपयोग के संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। 3 अगस्त 2022 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग ने विभिन्न निर्देशों के माध्यम से औद्योगिक ईंधन से उत्सर्जन से संबंधित विभिन्न प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करते हुए, एनसीआर (जीएनसीटीडी के अधिकार क्षेत्र से परे) में इंडस्ट्रियल यूज के लिए बायोमास फ्यूल की अनुमति पहले ही दे दी।
एनसीआर के लिए अनुमोदित ईंधनों की एक मानक सूची प्रस्तुत करते हुए सांविधिक निर्देश संख्या 65 दिनांक 23.06. 2022 के माध्यम से इसे और रेिलवेंट बनाया गया है। दिल्ली-एनसीआर प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विकास खन्ना ने प्राधिकरण द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत किया और कहा कि इससे दिल्ली एनसीआर स्थित वुड पैनल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को मदद मिलेगी क्योंकि हर साल प्रदूषण के चलते उद्योग बंद करनेजैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब उन्हें इस निर्देश से राहत मिलेगी।
आयोग ने स्पष्ट किया कि व्यापक अर्थों में ‘बायोमास फ्यूल‘ में सभी प्रकार के बायोमास शामिल हैं जिनका बॉयलरों, भट्टियों आदि में इंडस्ट्रियल ऑपरेशन में जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जा सकता है। ऐसे बायोमास फ्यूल में कृषि व फसल के अवशेष, पुआल, भूसी आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र से बाहर एनसीआर में स्थित प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग युनिटों के संदर्भ में, एक व्यापक वर्गीकरण कर निर्धारित मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न वुड चिप्स/वेस्ट वुड/सॉ डस्ट आदि जैसे वुड प्रोसेसिंग के कचरे को भी बायोमास फ्यूल माना जासकता है और उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है।