पर्यावरण मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार ने लेमिनेट, एचडीएफ/एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड जैसे चुनिंदा क्षेत्रों में नई वुड बेस्ड इंडस्ट्री यूनिट्स के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंजीकरण का कार्य इसके लिए डेडिकेटेड पोर्टल ूूू.नचवितमेज.हवअ.पद पर किया जा सकता है। पहले चरण में पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन रखा गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार इन प्रस्तावित उद्योगों में अध् िाकतम 30 सेंटीमीटर व्यास के टिम्बर का ही उपयोग किया जा सकता है। वैध स्रोतों से प्लाइवुड या अन्य बोर्ड खरीदकर लैमिनेशन किया जा सकता है। लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाएगा और उसके लिए नए लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले 17 शर्तों को पूरा करना होगा।
गौरतलब है कि राज्य में वुड बेस्ड करीब 1300 उद्योगों के लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं, जिन्हें एनजीटी ने वर्ष 2020 में रद्द कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर, 2022 को जारी एक आदेश में नए लाइसेंस को हरी झंडी दे दी और माननीय न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागराथाना की डबल बेंच ने अपने फैसले में उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा 1 मार्च, 2019 को जारी किए गए नए लाइसेंसों को सही ठहराया। अपने फैसले में, पीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि वन और वृक्षों के घटते आवरण की समस्या को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।