यमुनानगर स्थित प्लाईवुड निर्माताओं को अपने तैयार उत्पादों के परिवहन के लिए रेलवे कंटेनरों की सुविधा प्रदान की गई है। माना जा रहा है कि इससे वे पहले की तुलना में अपेक्षाकृत 35 फीसदी कम खर्च पर तैयार माल को भेज सकते है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने अप्रैल महीने में यमुनानगर से बीसीएनए वैगनों की शुरुआत की थी जिससे उद्योग को परिवहन खर्च में काफी मदद मिल रही है। पहले के ट्रक द्वारा परिवहन में 10 से 12 दिनों की तुलना में अब यमुनानगर से गुवाहाटी तक मेटेरियल केवल चार दिनों में पहुंच जाएगी। नई सुविधा यमुनानगर स्थित प्लाइवुड इंडस्ट्री के मैन्युफैक्चरर और ट्रेड को अपने उत्पादों को सस्ती कीमत पर देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने में सक्षम बनाएगी।
उद्योग के सूत्रों ने खुलासा किया कि इसके चलते यमुनानगर में स्थित उद्योग और व्यापार को कुछ हद तक एक लेवल प्लेइंग फिल्ड तैयार करने में मदद मिलेगी क्योंकि इस क्षेत्र में टिम्बर की ऊंची कीमतों ने उद्योग की गतिविधियों को अव्यवहारिक बना दिया है और दक्षिणी और देश के अन्य भागों में निर्मित उत्पादों की तुलना में यमुनानगर इंडस्ट्री और ट्रेड प्रतिस्पर्धा में पीछे पड़ते जा रहे है। उन्होंने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में मेटेरियल के प्रसार के लिए परिवहन लागत में कमी उद्योग के लिए एक बड़ी राहत की बात है।
ज्ञातव्य है कि यमुनानगर स्थित वुड पैनल इंडस्ट्री का परिदृश्य इतना आशाजनक नहीं है क्योंकि मार्जिन में भारी गिरावट आई है और लकड़ी और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के साथ तैयार उत्पादों की कीमत में वृद्धि नहीं हुई है। ओवरहेड्स बढ़ गए हैं, लेकिन प्लाईवुड निर्माता इसे ग्राहकों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। विशेषज्ञ की राय है कि केवल क्वालिटी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग और मार्जिन के साथ अपनी कीमत पर बेचने से ही उन्हें अपना अस्तित्व बचाना संभव होगा। परिवहन लागत में बचत निश्चित रूप से उद्योग के लिए एक बड़ी राहत है, लेकिन स्थिरता केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की पेशकश से ही आएगी।