पारंपरिक प्लाईवुड और प्री-लैम प्लाई एक जैसा होता हैं - ऊपर ग्लू से चिपका हुआ विनियर होता है। पर, दोनों को जो अलग करता है, वह है प्री-लैम प्लाई पर किया हुआ लेमिनेशन जो क्रैकिंग और एड्ज के खराब होने से बचता है। प्रीलैम प्लाई में फिनिश की जरूरत नहीं होने से कीमत, समय, एफर्ट सभी बचते है। इसके अलावा, विभिन्न डिजाइनों की उपलब्धता चयन प्रक्रिया को आसान बनाती है। स्प्लाइस ने प्रीलैम पेश कर रेडी-टू-यूज उत्पादों की उपलब्धता की कमी को पूरा किया है।
स्प्लाइस का कहना है कि उन्होंने इस उत्पाद को गुणवत्ता के प्रति जागरूक ग्राहकों के लिए तैयार किया है, जो डिटेलिंग पर ध्यान देते है। स्प्लाइस प्री-लैम प्लाइवुड की एक विशेषता है - इसका हल्का वजन। इसे वैसे फर्नीचर में इसके उपयोग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिसमें वजन कम करने की जरूरत है। मेक इन इंडिया ने स्प्लाइस को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है। पहले, प्री-लैम प्लाइवुड के लिए, ग्राहकों को चीन से उत्पाद आयात करना पड़ता था जिससे ग्राहकों की काफी खर्च करना पड़ता था।
स्प्लाइस ने प्रोडक्ट के आर एंड डी में काफी खर्च किया और समय लगाया है। कंपनी ने ग्रहकों की पसंद के अनुसार क्लासिक व्हाइट मार्बल से लेकर बोल्ड कलर कई तरह की फिनिश पेश की है। प्री-लैम के माध्यम से इस प्लाइवुड कंपनी ने अपने उत्पादों को विस्तार दिया है। कंपनी इसके भविष्य को लेकर काफी रोमांचित है।