उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रदेश में नए निवेश को बढ़ावा देने के लिए वुड आधारित उद्योग को नए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अन्तर्गत वन विभाग मेें काष्ठ आधारित उद्योग के आरा मशीन, विनियर, प्लाईवुड (प्रेस), विनियर एवं प्लाईवुड,, एमडीएफ एवं पार्टिकल बोर्ड इकाईयों हेतु लाइसेंस प्रदान किये जाने से सम्बन्धित बड़ी संख्या में MoU प्राप्त किये गये हैं।
शासन से अनुमोदन के उपरान्त MoU सम्पादित काष्ठ आधारित उद्योग इकाईयों को लाइसेंस प्रदान किये जाने हेतु आनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। राज्यस्तरीय समिति द्वारा अपनी बैठक दिनांक 02.11.2023 काष्ठ आधारित उद्योग इकाईयों को लाइसेंस प्रदान किये जाने हेतु आनलाइन पोर्टल को प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
MoU सम्पादित काष्ठ आधारित उद्योग इकाईयों को लाइसेंस प्रदान किये जाने हेतु पोर्टल का लिंक (https://upforest.org/Im/MoU_license_form.aspx) है।
आवेदन केवल ‘आँनलाइन मोड’ में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तरप्रदेश की काष्ठ आधारित उद्योग की वेबसाइट (www.upforest.gov.in) काष्ठ आधारित उद्योग इकाई के उ0प्र0 ग्लोवल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के अन्तर्गत किये गये वानिकी क्षेत्र में सम्पादित MoU के नवीन लाइसेंस के लिए संबंधित पोर्टल में भरे जायेंगे। आवेदक संबंधित जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी/प्रभागीय निदेशक के कार्यालय से संपर्क कर आनलाइन आवेदन जमा करने में उनकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
काष्ठ आधारित उद्योग के लाइसेंस आठ श्रेणियो ंमें वर्गीकृत हैं जिनके अन्तर्गत MoU के अनुसार इन श्रेणियो ंमें नए लाइसेंस/लाइसेंसों के लिए आवेदन कर सकता है। ये श्रेणियां निम्न हैं- 1. आरा मिल, 2. विनियर इकाई, 3. प्लाईवुड इकाई (प्रेस), 4. विनियर एवं प्लाईवुड इकाई, 5. स्टैण्ड एलोन चिपर, 6. एमड0एफ/एचडीएफ, 7. पार्टिकल बोर्ड इकाई, 8. एमडीएफ/एचडीएफ ़पार्टिकल बोर्ड इकाई।
श्री अशोक अग्रवाल, प्रेसिडेंट, यूपी प्लाइवुड मैन्यूफैक्चर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, और कहा कि इससे प्रदेश में नई वुड आधारित उद्योग लगेंगे, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, किसानों को उनके फसल का उचित कीमत मिलेगा, और एग्रो फाॅरेस्टरी सेक्टर का ग्रोथ होगा। उन्होने कहा कि पहले प्रदेश में वुड आधारित पैनल उद्योग लगाने में कई अड़चने आती थी, अब सरकार के इस फैसले से उत्तरप्रदेश में प्लाइवुड, एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड और डोर्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।