अभी वित्तीय वर्ष 2018-19 की शुरूआत है और प्लाई रिपोर्टर द्वारा की गई भविष्यवाणी सच हो रही है। लकड़ी की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी शुरू हो गई है, जो वास्तव में अनुमान से पहले है। 15 मार्च के बाद, पोपलर टिम्बर की कीमतों में लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है और सफेदा का भी यही हाल है। प्लाइवुड उत्पादक कीमतों में अचानक वृद्धि के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए हर प्लाइवुड उत्पादन क्लस्टर में एसोसिएशन की बैठकें होने की खबर है।
कहा जा रहा है कि चाहे यह पूर्वी उत्तर प्रदेश हो या पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान या दिल्ली-एनसीआर, टिम्बर की कीमतें सभी जगहों पर बढ़ रही हैं। प्लांटेशन लॉग की खरीद भी कुछ जगहों पर मुश्किल में दिख रही है, हालांकि कमी की कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं है। वर्तमान में पोपलर लॉग्स में 175 रुपये प्रति क्विंटल और सफेदा में 50-60 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे कोर विनियर की लागत में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अचानक वृद्धि के बाद, उत्पादकों ने अन्य कच्ची सामग्रियों और टिम्बर के लागत का आकलन शुरू कर दिया है। फॉर्मल्डिहाइड की कीमत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, गुर्जन में 20 प्रतिशत तथा फेनाॅल 10 प्रतिशत बढी है, जबकि लकड़ी के ईंधन की कीमतों में 40 फीसदी की वृद्धि देखी गई है। श्रमिक लागत भी तेजी से बढ़ गई है जिससे उत्पादक कीमतें बढ़ाने को मजबूर हैं।
गर्मी के मौसम में मजदूर अपने मूल स्थान पर चले जाते हैं। इसके कारण भी प्लाइवुड सप्लाई में गिरावट और तैयार वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी। प्लाई रिपोर्टर का अनुमान है कि मई 2018 तक, 18 एमएम प्लाइवुड पर कंपनियां लगभग 3.50 से 4.00 रु प्रति वर्ग फुट तक कीमतों में वृद्धि की घोषणा करने के लिए मजबूर होंगी। डिस्ट्रीब्यूटर्स आने वाले हफ्तों में कीमतों में वृद्धि के लिए तैयार रहें।