भारतीय प्लाइवुड उद्योग गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों के साथ हाई वॉल्यूम की ओर बढ़ रही है। उद्योग सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है जैसे कि नई मशीनें, अच्छा लेआउट, अच्छी गुणवत्ता वाले कच्चे माल, जो उन्हें उच्च गुणवत्ता पूर्ण व परेशानी मुक्त उत्पादों को बनाने में मदद कर सकता है। उद्योग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारत में कोर विनियर कंपोजर के 50 से अधिक ऑर्डर हैं, और 50 कोर कंपोजर लाइनों के आर्डर जल्द ही आने की संभावना है। इनकी बढ़ती स्वीकार्यता के चलते मशीन सप्लायर काफी खुश हैं क्योंकि निर्माता फ्लॉलेस क्वालिटी और हाई प्रोडक्शन के लिए प्रयासरत हैं। ताइवान और चीन कोर विनियर कंपोजर के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। भारत में सीटीसी, स्टार इंटरनेशनल, कल्याण आदि कोर कंपोजर्स के फायदे और जरूरतों के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं।
प्लाई रिपोर्टर के साथ बात करते हुए सीटीसी के श्री गौरव चोपाल ने कहा कि कोर कंपोजर प्लाइवुड की गुणवत्ता में सुधार करता है साथ ही श्रमिक लागत और समय भी बचाता है। यह लगभग 6 कुशल श्रमिकों के काम को कम कर 1 टेबल पर सिर्फ 3 श्रमिकों से पूरा कर सकता है साथ ही गैप और ओवर लैप से मुक्त प्लाइवुड बनाने में भी फायदेमद है। सीटीसी के अध्ययन के अनुसार यदि कोई कोर कंपोजर और प्री-प्रेसिंग के साथ उत्पादन करता है तो अनुमानित लागत (बिजली, श्रम, ग्लू और धागा सहित) घटता है जबकि क्वालिटी बढ़ती हैं। लोगों में पारम्परिक सैंडर और सिंगल साइड सैंडिंग के बदले आॅटोमेटिक सैंडिंग तथा टॉप टू बॉटम सैंडिंग को अपनाने की होड़ है। उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार और उत्पादन फ्लो को व्यवस्थित बनाने के लिए प्लाइवुड इकाइयों द्वारा आॅटोमेटिक सैंडिंग मशीनें लगाए जा रहे हैं। कुमार इंजीनियरिंग के श्री सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि वे पिछले तीन महीनों में कई नए ऑर्डर हासिल किये हैं। उद्योग उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार के लिए आटोमेटिक सैंडिंग मशीनों को लगाने के लिए तैयार है। मुख्य रूप से उन विनिर्माण इकाइयों में जो प्रति माह 50 ट्रक से अधिक माल का उत्पादन करते हैं, वे तेजी से लगा रहे हैं।