उत्तर भारत में पोपलर टिम्बर की बढ़ती कीमतों से पाइन के बने ब्लॉक बोर्ड और डोर की मांग बढ़ने की उम्मीद है। पोर्ट के नजदीक प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों का मानना है कि पाइन के बोर्डं और डोर और पोपलर
के बोर्ड व डोर के बीच अंतर लकड़ी की कीमतें बढ़ने के बाद कम हो जाएगा, जो उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। यद्यपि पाइन के बोर्ड और डोर प्लांटेशन टिम्बर की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मानें जाते हैं क्योंकि इसे परिपक्व आयातित पाइन टिम्बर से बनाया जाता है, इसलिए गुणवत्ता चाहने वाले लोग पाइन के उत्पादों को अधिक पसंद करते हैं।
यह विदित है कि उत्तर में पोपलर टिम्बर की कीमतों में कमी के चलते पाइन के बोर्ड और डोर उत्पादक पिछले दो सालों से संघर्ष कर रहे हैं। कीमत अंतर बहुत अधिक हो गया है, इसलिए उपयोगकर्ता/ग्राहक पोपलर के बने बोर्डं में स्थानांतरित हो गए हैं, जो अब लगभग 30 रु के स्तर पर है, हालांकि, वर्तमान में 2.5 मिमी कोर के अच्छे क्वालिटी वाले पोपलर बोर्ड 40 रुपये से ज्यादा पर बिक रहे हैं। वर्तमान स्थिति में अच्छी गुणवत्ता वाले पोपलर और पाइन बोर्डों के बीच का अंतर लगभग 10 रुपये है, लेकिन यदि पोपलर टिम्बर की कीमतें बढ़ती हैं, तो आने वाले महीनों में अंतर कम हो जाएगा, और पाइन के बने बोर्ड को भविष्य में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा ।
डोर केटेगरी में भी वही स्थिति की उम्मीद है। भारत में पाइन आयात के परिदृश्य को देखते हुए, कंडला स्थित टिम्बर आयातक/व्यापारियों का मानना है कि पाइन की कीमतें और नहीं बढ़ेगी, और ऐसा लगता है कि आने वाले महीने में गिरावट आ सकती है, क्योंकि न्यूजीलैंड और अन्य देशों से भारी आपूर्ति की उम्मीद है।