No New Standalone Face Veneer Set up in Gabon Gsez for a Year

person access_time2 17 September 2018

घरेलू पार्टिकल बोर्ड का उत्पादन बढ़ रहा है क्योंकि पिछले साल मांग अच्छी रही थी। इससे आयात पर असर पड़ा है, जिसके कारण आयात कम हो गया है। सरकारी रिपोर्ट से पता चला है कि वर्ष 2017-18 में आयात 6 फीसदी घटकर 208.14 करोड़ रुपये हो गया, जो वर्ष 2016-17 में 222.63 करोड़ रुपये था।

आयातित पार्टिकल बोर्ड की मांग पिछले पांच सालों से लगातार नीचे जा रही है। घरेलू उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ, पार्टिकल बोर्ड के आयात में पांच साल पहले की तुलना में 40 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई है। यह विदित है कि पार्टिकल बोर्ड का आयात वर्ष 2012-13 में 316.27 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2016-17 में 222.63 करोड़ रुपये दर्ज हुआ। और इस साल भी इसमें मामूली गिरावट देखी गई है जो 6 फीसदी घटकर 208.14 करोड़ रुपये हो गई है।

उपलब्धता में बाधा के बावजूद पार्टिकल बोर्ड निर्माण में नए प्लेयर्स और उत्पादन क्षमता विस्तार प्रति वर्ष बढ़ रहा है जिसके चलते घरेलू पार्टिकल बोर्ड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी धीरे धीरे मजबूत हुए हैं। प्लाई रिपोर्टर का अध्ययन बताता है कि पिछले तीन सालों में इनका मार्किट शेयर भी बढ़ा है। यूपी में नए लाइसेंस देने की निश्चितता के साथ, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुछ और उद्योगों की घोषणा की जा सकती है और इससे आयातित पार्टिकल बोर्ड बाजार पर और प्रभाव पड़ेगा।

वर्तमान में प्रति दिन 10,000 से अधिक सीबीएम क्षमता के साथ, भारतीय पार्टिकल बोर्ड उद्योग पिछले चार चालों से प्रति वर्श ६०० सीबीएम की क्षमता जोड़ रहा है और यह ट्रेंड अगले तीन साल से जारी हैं। पार्टिकल बोर्ड उद्योग बड़े पैमाने पर लकड़ी और बगास -आधारित है जहां दोनों की बराबर उत्पादन क्षमता हैं। इस वर्ष बगास की अच्छी उपलब्धता की संभावनाओं के साथ, आयातित पार्टिकल बोर्ड सेगमेंट में किसी भी बदलाव की कम सम्भावना है ।

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