रूपये के मुकाबले मजबूत होते डॉलर सीधे सीधे इम्पोर्टेड डेकोरेटिव हाइलाइटर्स/पैनलों की कीमतों को प्रभावित कर रहा है। बाजारों से प्राप्त रिपोर्ट से पता चलता है कि आयातक अनुमानित 10 प्रतिशत ऊंची लागत के चलते कीमत बढ़ाने के अवसर पर विचार कर रहे हैं, इस प्रकार इन आयातित इंटेरियर डेकोरेटिव पैनलों की कीमतों पर तत्काल प्रभाव पड़ने वाला है। आयातक पीवीसी शीट्स, डब्ल्यूपीसी बोर्ड, चारकोल पैनल, वॉल पेपर, फ्लोरिंग्स जैसे मेटेरियल पर डॉलर की बढती कीमत का प्रभाव देखा जा रहा हैं और लगभग 7 से 8 प्रतिशत की कीमत वृद्धि पहले ही पारित हो चुकी हैं।
उत्पाद लागत के बाद डॉलर की बढ़ोतरी का मूल्यांकन में थोड़ा बदलाव है क्योंकि कुछ आयातक, जिनके पास मेटेरियल का पुराना स्टॉक है उनकी कीमते बाजार में अभी तक पारित नहीं हुई है। मुंबई स्थित एक आयातक ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि इस सेगमेंट में अब ऊंची प्रतिस्पर्धा के कारण, लाभ का मार्जिन दिन-प्रतिदिन घट रहा हैं, यही कारण है कि कई आयातक बहुत कम मार्जिन पर काम कर रहे हैं। हालांकि ज्यादा स्टॉक रखने वाले आयातकों ने बढ़ी लागत को पारित करने के लिए मजबूर किया है लेकिन ये सभी के लिए संभव नहीं हो पाया है।
इंडियन वुड पैनल इंटीरियर डेकाॅर सेक्टर में आयातित हाइलाइटर्स जैसे चारकोल पैनल, पीवीसी माइका, अलवेस्टर शीट्स, लेदर शीट्स, यूनिकोलर शीट्स, वॉल पेपर, सॉलिड सर्फेस पैनल, वुड फ्लोरिंग, डिजाइनर लैमिनेट्स और अन्य दर्जनों हाइलाइटर्स पैनल के साथ महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी है, जिसने परंपरागत प्लाइवुड की दुकानों को अच्छी तरह से सजाए गए चमकदार शोरूम में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। लोगों में शोरूम के प्रति रुझान ने इन डेकोरेटिव पैनलों की मांग बढ़ने में मदद की है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में हाइलाइटर्स के आयातकों की संख्या बढ़ रही है।
भारत में लगभग 50 छोटे-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान आयातित पैनल कारोबार से जुड़ें हैं, उनमें से अधिकांश मुंबई में स्थित है। दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलोर इत्यादि स्थित आयातक विभिन्न इंटीरियर डेकोरेटिव पैनलों के आयात कारोबार में भी शामिल हैं। प्लाई रिपोर्टर के अनुमानके मुताबिक, हाइलाइटर कैटेगरी का कारोबार सालाना 2000 करोड़ से ऊपर है, हालांकि यह आंकड़ा सत्यापित नहीं है। हाइलाइटर पैनलों की कीमतों में वृद्धि के साथ, मार्जिन डेकोरेटिव लैमिनेट केटेगरी की ओर झुका है जहां डिजाइन और रंग में बहुत इनोवेशन हो रहे है।