Is Expanding capacity in sync with real consumption? Pragat Dvivedi, Founder Editor

person access_time5 05 June 2017

भारतीय प्लाइवुड उद्योग पिछले 4-5 वर्षों से खुद को तेजी से बदल रहा है। प्लाइवुड उत्पादक अब गुणवत्ता, ऑटोमेशन और वॉल्यूम उत्पादन के लिए बहुत अधिक प्रयासरत हैं। एक महीने में 50 ट्रकों की उत्पादन क्षमता वाली, प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां, अब ओवरहेड कॉस्ट को कम करने के लिए 75 से 100 ट्रकों तक के विस्तार के लिए तैयार हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2016 से 2018 के दौरान बड़ी संख्या में नए उद्योगों लगने के बावजूद निर्माताओं को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।

बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने मिड सेगमेंट के कई स्थापित प्लेयर्स को इस तरह से तैयार किया है कि उन्हें नई मशीनें स्थापित करना होगा। मार्च 2019 में ग्रेटर नोएडा में आयोजित दिल्ली वुड एक्जीविशन के दौरान मल्टी-डेलाइट्स प्रेस, उच्च क्षमता वाले बॉयलर, विनियर कोर कम्पोजर, कैलिब्रेटर, स्वचालित डीडी सॉ मशीनों आदि को लेकर उत्पादकों में बातचीत काफी दिख रही थी।

प्लाई रिपोर्टर द्वारा प्रत्येक बूथ पर किए गए दौरे से पता चला कि प्लाइवुड मशीनरी आपूर्तिकर्ताओं और प्लाई-निर्माताओं की अति-आधुनिक मशीनों के साथ अपने कारखानों को बदलने की बड़ी उत्सुकता है, जो यूपी, पंजाब और हरियाणा के नए कारखानों में रुचि ले रहे है। उनमें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे के साथ-साथ स्वचालित, परेशानी मुक्त और कम श्रम उन्मुख मशीने स्थापित करना सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा।

2 दर्जन से अधिक प्लाइवुड मशीनरी आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं ने एक्जीबिशन में भाग लिया, जहां एक दर्जनों ने अपना लाइव डेमो दिया और उद्योग के लोगों को मशीनों के बारे में विस्तार से बताया। प्लाई रिपोर्टर द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्टार तथा सीटीसी की हाई स्पीड पीलिंग मशीन ने खरीदारों को आकर्षित किया लेकिन मुख्य आकर्षण टॉप-बॉटम सैंडिंग, कोर जॉइंटर और कोर कंपोजर थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 25 कोर कंपोजर्स, 30-35 सैंडिंग मशीन, 10-12 कैलिब्रेटर्स, 15 से 20 ड्रायर के अलावा चैंबर्स और सेविंग टूल की खरीद-बिक्री की बुकिंग व संभावना दिखी।

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