दो महीने पहले केरल राज्य में अभूतपूर्व बाढ़ से फर्नीचर उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस प्राकृतिक आपदा ने उद्योग के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह की घटनाओं में व्यवस्था बनाए रखने या इसके पुनरुत्थान और सुरक्षा के लिए प्रेरित किया है। फर्नीचर निर्माता और व्यापार संघ, केरल (एफयूएमएमए) ने आगे बढ़ कर राज्य के फर्नीचर निर्माताओं और व्यापारियों के लिए बिना कोई खर्च की बीमा योजना शुरू की है, जो प्राकृतिक आपदाओं, जलने, चोरी और ऐसी किसी भी तरह की घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करेगी। एसोसिएशन वर्ष 2012 में अस्तित्व में आया और वर्तमान में इसके लगभग 3500 सदस्य हैं।
एसोसिएशन के मुताबिक, एफयूएमएमए के 90 फीसदी सदस्यों के पास ऐसी आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान से बचनें के लिए कोई बीमा कवरेज नहीं है। बीमा की अनुपस्थिति में राज्य के कई हिस्सों में हाल ही में बाढ़ की स्थिति में बहुत कुछ भुगतना पड़ा। फर्नीचर निर्माता और व्यापार संघ (एफएमएमएमए), केरल के संस्थापक अध्यक्ष श्री के पी रविंद्रन ने कहा कि‘बाढ़ के बाद हमें समझ आया कि छोटे व्यापारियों के पास कोई बीमा पॉलिसी नहीं थी और उन्हें अपने अस्तित्व के लिए बहुत पीड़ा भुगतनी पड़ी। हाल ही में आपदा ने लगभग पूरे केरल को भारी नुकसान पहुंचाया जिसने फर्नीचर व्यापारियों को बुरी तरह प्रभावित किया। इसलिए, हमारी समिति ने ऐसी योजना के साथ आने का फैसला किया जो भविष्य में उनकी मदद कर सकता है। ‘‘बीमा पैकेज जिसे हम न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी के साथ गठबंधन के माध्यम से पेश कर रहे हैं जो छोटे पैमाने पर फर्नीचर निर्माताओं और व्यापारियों के लिए 12 लाख रुपये तक का कवर देगा। इसमे मटेरियल की हानि के लिए 2 लाख रूपए तक और भवन तथा संपत्ति के नुकसान के लिए 10 लाख रूपए तक दिया जाएगा‘‘।
‘‘हालांकि केवल एसोसिएशन सदस्य इस योजना के तहत कवरेज के पात्र हैं, फिर भी संघीय सदस्यता को नए आवेदकों के लिए खुला रखा गया है। सदस्यता मुफ्त है।‘ श्री केपी रविंद्रन ने आगे कहा कि बीमा योजना के लिए प्रीमियम सालाना आयोजित किए जाने वाले फर्नीचर फेयर के माध्यम से और मुख्य रूप से फर्नीचर के कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं से स्पॉन्सरशिप के माध्यम से एकत्रित किया जाएगा। एसोसिएशन उद्योग के विकास के संबंध में भी अन्य पहल कर रहा है - जैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में संयुक्त भागीदारी, उद्योग के लोगों के लिए नए अवसर का पता लगाने और सरकारी अधिकारियों के सामने उद्योग के मामले को रखकर उसके समाधान को ढूंढने में प्रयासरत है। इसके अलावा, एसोसिएशन उद्योग के लाभ के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करता है।