कंपनी ने कहा कि उनका 2018-19 तक 55 प्रतिशत की क्षमता का उपयोग करने
और 2020-21 तक 100 प्रतिशत तक पहुंचने का लक्ष्य है।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज पश्चिम अफ्रीका में गैबोनियन रिपब्लिक (गैबॉन) में मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ाने के लिए चार मिलियन यूरो का निवेश कर रहा है। कंपनी से प्राप्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि गेबॉन विनियर मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी, जिसे 11 मिलियन यूरो के शुरुआती निवेश के साथ स्थापित किया गया था. इसमें ओकूमे लकड़ी की 96000 क्यूबिक मीटर (सीबीएम) की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता है, इसकी प्रसंस्करण क्षमता को 3,000 सीबीएम प्रति महीने से बढ़ाकर मार्च 2019 तक 8,000 सीबीएम तक किया जाएगा। स्पेशल इकोनॉमिक जोन में स्थित यह फैसिलिटी, 0.2 मिमी और ऊपर की मोटाई का ओकूमे फेस विनियर बनाती है।
ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक श्री राजेश मित्तल ने कहा कि हम लगातार क्षमता निर्माण और संसाधन उपलब्धता को सुरक्षित करने पर काम कर रहे हैं। कंपनी 4 मिलियन यूरो की अतिरिक्त निवेश के साथ अपनी प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रही है। भारत के संगठित प्लाइवुड बाजार में 26 फीसदी बाजार हिस्सेदारी का संचालन करने वाली, यह कंपनी, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अपनी कुल क्षमता का 55 फीसदी और 2020-21 वित्तीय वर्ष तक 100 फीसदी उपयोग करने की उम्मीद करती है। ओकूमे लकड़ी को गर्जन पेड़ के व्यापक वनों की कटाई द्वारा बनाई गई पारिस्थितिक असंतुलन को बहाल करने के लिए एक टिकाऊ और आर्थिक समाधान माना जाता है, जो भारतीय प्लाइवुड उद्योग के फेस विनियर के लिए प्राथमिक स्रोत बनता जा रहा है। गैबॉन दुनिया के कुछ स्थानों में से एक है जो ओकूमे लकड़ी में समृद्ध है। सतत वन प्रबंधन योजना के तहत एक प्राकृतिक रूप से बेहतर गुणवत्ता वाले हार्ड वुड की कटाई और इस स्वाभाविक रूप से टिकाऊ लकड़ी की गुणवत्ता को गर्जन लकड़ी के बराबर माना जाता है। ग्रीनप्लाई ओकूमे और अन्य हार्डवुड प्रजातियों के सॉ मिलिंग में भी शामिल है। वर्तमान में हार्ड वुड की प्रजातियां पडौक और ताली हैं। कंपनीने कच्चे माल की आपूर्ति में वृद्धि के लिए 2019 में स्वयं वनों के संचालन शुरू करने की भी योजना बनाई है।