प्लाइवुड इंडस्ट्री ने अगले आम बजट 2019-20 के लिये केंद्रीय वित्त मंत्रालय को अपने सुझाव सौंपे हैं। उद्यमियों द्वारा नये वित्त बजट के लिये सरकार को सौंपे गये अपने ज्ञापन में प्लाइवुड उद्योग पर जीएसटी की मौजूदा दर को 18 से घटाकर 12 फीसदी करने की मांग को प्रमुखता के साथ उठाया है। देश के प्लाइवुड उद्यमियों का कहना है कि वह लंबे समय से सरकार से जीएसटी की दर घटाकर 12 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं, यदि सरकार द्वारा अगले वित्त वर्ष से जीएसटी की दरें घटाई जाती है तो इससे वुड पैनल इंडस्ट्री और उद्यमियों को कई मायनों में बड़ी राहत मिलेगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन प्लाइवुड एंड पैनल इंडस्ट्री (फिप्पी) के तकनीकि सलाहकार डॉ. सी एन पांडेय ने प्लाई रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि उद्योग की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, इसे ज्यादा पारदर्शी और अनुकूल बनाने की दिशा में वित्त मंत्रालय द्वारा अन्य उद्योगों की तरह वुड पैनल इंडस्ट्री से भी अगले आम बजट 2019-20 के लिये सुझाव मांगे गये थे। उन्होंने कहा कि हमने भी उद्यमियों के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय को सुझाव सौंपे हैं और अगले वित्त वर्ष से वुड पैनल इंडस्ट्री पर जीएसटी की दरें 18 से घटाकर 12 फीसदी करने की मांग है। प्लाइवुड उद्यमियों का कहना है कि जीएसटी कम करने से उद्योग में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे। डॉ0 सी एन पांडेय ने कहा कि जीएसटी स्लैब कम करने से उद्यमी प्लाइवुड कारोबार का विस्तार कर सकेंगे, जिससे रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे।
गौरतलब है कि जीएसटी के लागू होने के समय प्लाइवुड इंडस्ट्री पर जीएसटी की दरें 28 फीसदी थी, लेकिन फिप्पी और एपमा के प्रयासों के बाद सरकार ने जीएसटी घटाकर 18 फीसदी किया। उद्यमियों का मानना है कि इंडस्ट्री पर 18 फीसदी जीएसटी अभी भी काफी ज्यादा है, जिसे शीघ्र कम किये जाने की जरूरत है।