उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018: प्रोडक्ट के बारे में झूठा दावा पहुंचा सकता है जेल या देना पड़ेगा बड़ा जुर्माना

Sunday, 17 March 2019

ऊपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा प्रदान करने और विवादों को शीघ्रता से निपटाने के लिए हाल ही में लोकसभा में कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल-2018 (उपभोक्ता संरक्षण विधेयक) पारित कर दिया गया है। इस बिल का उद्देश्य तीन दशक पुराने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट को और बेहतर बनाना और सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथाॅरिटी (सीसीपीए) को स्थापित करना है। इस विधेयक में उपभोक्ता विवादों को समय पर निपटाने और प्रभावी प्रशासन और तंत्र के साथ-साथ उपभोक्ताओं के अधिकारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित निपटारे के लिए इसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (सीडीआरसी) को स्थापित किये जाने का प्रावधान है। यह नया बिल माल (गुड्स) में त्रुटि और सेवाओं में कमी के बारे में शिकायतों के निवारण के लिए एक सर्वोत्तम तंत्र भी प्रदान करता है। विधेयक में उपभोक्ता अधिकारों के उल्लघंन या अनुचित व्यापार प्रथाओं, प्रोडक्ट के बारे में झूठे दावे करने या भ्रामक विज्ञापनों या अपने उत्पादों या सेवाओं से संबंधित गलत जानकारी देने पर उत्पाद निर्माता या सेवा प्रदाता को अधिकतम 5 साल तक के कारावास अथवा भारी जुर्माना अथवा दोनों सजाएं एक साथ दिये जाने का भी प्रावधान शामिल है।

सरकार करेगी कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की स्थापना

इस नए विधेयक के प्रावधान के अनुसार, केंद्र सरकार एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद (सीसीपीसी) की स्थापना करेगी। केंद्रीय परिषद एक सलाहकार परिषद होगी, जिसका नेतृत्व केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामलों के विभाग के प्रभारी मंत्री करेंगे, जो परिषद के अध्यक्ष भी होंगे। प्रत्येक राज्य सरकार एक राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद भी स्थापित करेगी, जिसे राज्य परिषद के नाम से जाना जाएगा। राज्य परिषद एक सलाहकार परिषद होगी और इसमें कुछ सदस्य और राज्य में उपभोक्ता मामलों के प्रभारी मंत्री भी शामिल होंगे, प्रभारी मंत्री परिषद के अध्यक्ष भी होंगे। राज्य सरकार द्वारा जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद स्थापित की जायेगी, जिसे प्रत्येक जिले में जिला परिषद के नाम से जाना जायेगा और जनपद का जिलाधिकारी इस परिषद का मुखिया होगा। परिषद में अन्य सदस्य भी शामिल होंगे। इस प्रस्तावित कानून के तहत केंद्रीय, राज्य और जिला परिषदों का उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रचार, उन्नयन और संरक्षण के बारे में सलाह देना होगा।

आर्थिक दंड और जेल की सजा का प्रावधान

इस विधेयक में उत्पाद निर्माता या सेवा प्रदाता पर उत्पाद के बारे में झूठे या भ्रामक विज्ञापन या उसके उत्पाद या सेवाओं के बारे में गलत जानकारी या दावों के खिलाफ जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। झूठे और भ्रामक विज्ञापनों या जानकारी देने पर उत्पाद निर्माता या सेवा प्रदाता पर अधिकतम 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। समान अपराध की पुनरावृत्ति पर जुर्माना 50 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है और निर्माता को दो साल तक की कैद की सजा भी हो सकती है, जो हर अपराध के मामले में पांच साल तक बढ़ सकती है।

फर्जी और पूर्वाग्रही शिकायत पर भी लगेगा जुर्माना

नए बिल में किसी भी निर्माता या सेवा प्रदाता के खिलाफ फर्जी और पूर्वाग्रही शिकायतों पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव है। यदि कोई उपभोक्ता शिकायत दर्ज करता है और बाद में वह फर्जी पायी जाती है तो गलत शिकायत करने वाले उपभोक्ता पर 10,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

नया विधेयक मुकदमेबाजी की लागत को करेगा कम

उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री सी आर चैधरी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर कहा कि उपभोक्ता मामलों का त्वरित निपटान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस नए विधेयक में मुकदमेबाजी की लागत को कम करने और कम समय में शिकायतों के निवारण के लिये विभिन्न प्रावधान किये गये हैं।

उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं की शिकायतों को समय और कम लागत पर निवारण को सुनिश्चित करने के लिए एक नए बुनियादी ढांचे के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन और उपभोक्ता अदालतों को मजबूत बनाने की दिशा में इस विधेयक के जरिये कई कदम उठाए हैं।

उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018, लोकसभा द्वारा (20 दिसंबर, 2018 को) पारित किया गया था और अब इसे राज्यसभा की मंजूरी का इंतजार है। इस विधेयक में उपभोक्ता विवादों को प्रभावी प्रशासन के साथ-साथ समय पर निपटाने और उपभोक्ता अधिकारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

Image
Ply Reporter
Plywood | Timber | Laminate | MDF/Particle Board | PVC/WPC/ACP

Ply Reporter delivers the latest news, special reports, and industry insights from leading plywood manufacturers in India.

PREVIOS POST
Are Distributors Loosing Their Importance?
NEXT POST
Core Veneer Composer is the Need of the Hour