लंबे अंतराल के बाद, खरीदारों की तुलना में आज फेस विनियर के विक्रेता अधिक है। इसका कारण, जनवरी और फरवरी 2019 में फेस विनियर का थोक प्रवाह रहा, जिसने फेस विनियर की कीमतों को स्थिर रखा। भारत
में गैबॉन से ओकूम, इंडोनेशिया और म्यांमार से गर्जन तथा मकाई व अपने ही देश से रिकॉन फेस की प्रचुर उपलब्धता ने उत्पादकों द्वारा रखे गए फेस के स्टॉक के दबाव को कम करने में मदद की है। रिकॉन फेस विनियर और ओकूमे की बढ़ती स्वीकृति ने प्लाइवुड निर्माताओं को फेस विनियर की आपूर्ति में वृद्धि के कारण कीमत नीचे लाने में मदद की। फेस विनियर की कीमतों में फरवरी में एक से डेढ़ रूपए प्रति मीटर की कमी देखी गई थी, जो कि बहुत अधिक उपलब्धता और प्लाइवुड की मांग में कमी के कारण था। फरवरी के अंत तक फेस विनियर की कीमतें स्थिर हो गईं क्योंकि उपलब्ध स्टॉक लगभग बेचा जा चुका था।
गेबॉन और इंडोनेशिया में स्थित फेस पीलिंग कंपनियों के हवाले से यह बताया गया है कि आने वाले महीनों में लॉग की कीमतों में वृद्धि तथा डॉलर के विदेशी मुद्रा मूल्य में वृद्धि के कारण विनियर की कीमतों में वृद्धि होगी, क्योंकि आगे वाले कंटेनर के कच्चे माल की लागत बढ़ जाएगा। गैबॉन स्थित निर्माता अब राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपनी लॉन्ग होल्ड इन्वेंट्री लगभग समाप्त कर ली है। गैबॉन में लॉग की कीमतों में भी 7-8 फीसदी की वृद्धि होने की सूचना है, इसलिए ओकूमे फेस की कीमतें बढ़ सकती हैं। मार्च 2019 में ओकुमें की अपेक्षित कीमत की पेशकश को लेकर प्लाई रिपोर्टर को उम्मीद है कि कीमतें 750 से 760 डॉलर प्रति सीबीएम के आसपास हो सकती हैं।
दूसरी तरफ, उत्तर भारत में प्लाइवुड निर्माता ‘‘स्वदेशी रूप से निर्मित रंगीन रिकंस्टीच्यूटेड फेस विनियर‘‘ का भी उपयोग कर रहे हैं ताकि फेस की लागत को और नीचे लाया जा सके। गैबॉन उत्पादकों का मानना है कि यदि गैबॉन में लकड़ी की कीमतें आगे बढ़ती हैं, तो पुरानी दरों पर आपूर्ति कर सकने का कोई उपाय नहीं बचेगा। बाजार के रुझानों के अनुसार कीमतों को कम रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा कंपनियां मिडिल मेन या व्यापारियों से बचने के लिए सीधे फेस उत्पादकों से संपर्क कर रही हैं। बदलते फेस विनियर बाजार की गतिशीलता के लिए सुझाव है कि कम मार्जिन और विशाल पूंजी भागीदारी के कारण 2019 में कई छोटे फेस विनियर व्यापारी इस कारोबार से बाहर निकल जाएंगे। ओकूमे 2019 में भी भारत में फेस विनियर सेगमेंट का चेहरा बना ही रहेगा।