यह वह समय है, जब प्रत्येक संसाधन पर बचत करके और बाजार की समझ के आधार पर मूल्य सूची तैयार करके लागत की गणना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सेंपल और कैटलाॅग से भरे अपने बैग को पैक करने और सेल्समैन व डीलरों को बार-बार काॅल करने के बजाय, यह इस चीज के लिये सही समय है, जब आपको उन कारणों की पहचान करनी होगी जिनके लिए एक डीलर या रिटेलर आपसे आपका उत्पाद खरीदेगा।
पिछले दो महीनों से मैं कई बेचैन चेहरों को देख रहा हूं, जो बेहद घबराए हुए दिख रहे हैं। प्रत्येक गुजरते दिन के साथ बेचैनी भी लगातार बढ़ रही है, क्योंकि बाजार ऐसा हो चला है जैसा पहले कभी नहीं रहा था। आपका सामना भी ऐसे लोगों से हो सकता हैं, जिन्हें आप यह कहते सुन सकते हैं कि ‘मैंने अपने करियर में कभी ऐसी गिरावट नहीं देखी ‘या‘ ऐसा बुरा बाजार कभी नहीं देखा है, जहाँ ना कोइ मांग, ना ही भुगतान।‘ बाजार में कई चेहरों की रौनक गायब है। एक मार्केट पर्सन और सांख्यिकीविद् होने के नाते, 19 वर्षों की व्यवसायिक पत्रकारिता में चीजों को देखने की मेरी एक अलग धारणा और तरीका रहा है, चूँकि मैंने पिछले वर्षों में भी लगभग 4 बार ऐसी ही स्थिति देखी है, इसलिए मुझे एक बात का यकीन है - यदि यहां अच्छा समय नहीं है, तो बुरा समय भी यहां हमेशा नहीं रहेगा।‘
वर्तमान समय बेचैन होकर डीलरों को खोजने में वक्त जाया करने, ऑर्डर्स लेने या नीचे से उपर तक भागने जैसे प्रयासों के लिए सही नहीं है, इसके बजाय यह समय उचित माइंड सेट के साथ प्लांट की क्षमता का समुचित उपयोग करने, वेस्टेज कंट्रोल और उचित कार्य के लिये सही लोगों को लगाने पर ध्यान में रखने का है। प्लाइवुड उद्योग में बहुत सारे गैप्स और लैप्स हैं, जिन्हें ठीक किये जाने की नितांत आवश्यकता है, उदाहरण के लिये
कोर विनीयर, फेस, रॉ मेटेरियल इन्वेंट्री को ऑर्डर फ्लो के क्रम में स्टाॅक रखने की आवश्यकता
2) वेस्टेज को पूरी तरह खत्म करने के लिए रॉ मेटेरियल का रोटेशनल उपयोग
3) वर्कर्स और सुपरवाइजर के साथ सही माइंडसेट से काम लेना, जो कि विनीयर का हर इंच या रेजिन के प्रत्येक ग्राम या मशीन चलाने का हर मिनट या ईंधन और ऊर्जा का हर हिस्सा या बिजली का प्रत्येक वाट/एमएल को बचा सकते हैं।
4) ओवरहेड्स और लागत को जोड़ने के लिए सही गणना की प्रैक्टिस।
5) प्लांट्स की अंदरूनी चीजें और तैयार माल व बी ग्रेड सामग्री की जाँच और छँटाई का प्रारूप तैयार करना
6) वेस्टेज की प्रतिशत में गणना और प्रतिष्ठित इंडस्ट्री या अन्य प्लांट की तुलना में अपने प्लांट की बराबरी का प्रतिशत और उत्पादन अनुपात निकालना आदि।
दूसरी तरफ यह वह समय है, जब प्रत्येक संसाधन पर बचत करके और बाजार की समझ के आधार पर मूल्य सूची तैयार करके लागत की गणना पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सेंपल और कैटलॉग से भरे अपने बैग को पैक करने और सेल्समैन व डीलरों को बार-बार कॉल करने के बजाय, यह इस चीज के लिये सही समय है, जब आपको उन कारणों की पहचान करनी होगी जिनके लिए एक डीलर या रिटेलर आपसे आपका उत्पाद खरीदेगा इसमें पूर्ण स्पष्टता है कि किसी एक को किसी क्षेत्र, राज्य या क्षेत्र में एक ब्रांड बनना चाहिए या फिर किसी को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनना होगा। मझोली कंपनियों ने अब तक कुछ भी बनने की कोशिश नहीं की है। अगर कुछ ने मार्केटिंग या ब्रांडिंग के साथ कुछ प्रयास किए हैं, तो उन्होंने खुद को कुछ नमूनों, विज्ञापनों या फेसबुक पोस्ट या व्हाट्सएप पोस्टिंग तक सीमित कर लिया है। वास्तव में यह बिल्कुल पर्याप्त नहीं है। अब किसी को बाजार की गहरी समझ, बेहतर योजना व दृष्टिकोण और हर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सही समझ विकसित करने की जरूरत है।
मैं पिछले 5 वर्षों के दौरान सरकार द्वारा किए गए कई नीतिगत फैसलों और फैक्टर्स के आधार पर 2019 के बाद बाजार की मांग में तेजी से वृद्धि की उम्मीद करता हूं। लेकिन निश्चित रूप से यह खत्म होने वाला जैसा नहीं है या हर एक के द्वारा इसका लाभ नहीं लिया जा सकता है। उत्पादन क्षमता अपेक्षित मांग की तुलना में बहुत अधिक है, इसे समझने की जरूरत एक निर्माता या उद्योग से जुड़ा व्यक्ति होने के नाते बहुत जरूरी है। एक उद्योगपति और सफल उद्यमी को तथ्यों के आधार पर बेहतर बाजार की समझ होनी चाहिए और उसे यह सब एक कुशल करखाने के बैकअप के अध्ययन और अनुसंधान आधार पर समझना चाहिए। हम सभी को उस नई वास्तविकता के प्रति जागृत होना चाहिए जो आर्गनाइज बनने, औपचारिक कार्य संस्कृति का पालन करने और जागरूक उपभोक्ता के हिसाब से संचालित होती है।