Century Plyboards to Put Particle Board Unit in Uttar Pradesh

person access_time3 26 June 2019

फसल कटाई के मौसम, आम चुनाव और विवाहों का असर पंजाब में प्लाइवुड उद्योग में लेबर की उपलब्धता पर पड़ने लगा है। होशियारपुर के एक ठेकेदार ने प्लाई रिपोर्टर संवाददाता से बताया कि अप्रैल और मई महीने में ही मजदूरों की कमी होने लगी क्योंकि प्रवासी कामगार वोट डालने के लिए अपने अपने घर जा रहें हैं। कई ऐसे हैं, जो शादी के सीजन और फसल कटाई के लिए जा रहें हैं। परिदृश्य लेबर की कमी का, एक लंबे अंतराल तक रहने वाला है जो अब से लेकर जून आधा महीने तक या अधिक समय तक रह सकता है।

लुधियाना के एक अन्य ठेकेदार का कहना है कि वर्तमान में प्लाइवुड उत्पादक भी तैयार माल की धीमी मांग के कारण जल्दी में नहीं हैं, लेकिन अप्रैल-मई महीने में अगर मांग बढ़ती है, तो श्रमिकों की अनुपस्थिति के कारण मुश्किलें बढ़ेगी जो फिर से उत्पादन में गिरावट का एक कारण साबित होगा। विभिन्न उद्योगों के ठेकेदार, इसे एक नियमित वार्षिक प्रक्रिया के रूप में देखते हैं, जो फसल कटाई, त्योहारों, शादी के मौसम और इस बार के आम चुनाव के कारण विशेष रूप से अप्रैल, मई-जून के दौरान दो महीने के लिए उत्पादन में परेशानी पैदा कर सकता है। एक ठेकेदार का कहना है कि असम, बिहार, बंगाल, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश की लेबर अपना वोट डालने के लिए अपने घर जाने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

यह ज्ञातव्य है कि आर्डर का फ्लो इन दिनों कथित रूप से कमजोर है और अधिकांश इकाइयां सप्ताह में 5 दिन व एक पाली चलने के लिए मजबूर हैं। हालाँकि, तथ्य यह है कि लेबर काउंट को कम करने के लिए, प्लाइवुड उद्योग ऑटोमेशन और आधुनिक मशीनों तथा बेहतर लेआउट से लैस हो रहे हैं, लेकिन प्लाइवुड सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग के लिए अभी भी बहुत अधिक लेबर की आवश्यकता है क्योंकि 50 से अधिक नई प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग प्रतिश्ठान पंजाब में पिछले 2 वर्षों में स्थापित हुए हैं।

उत्तर भारत स्थित इकाइयों के ठेकेदारों का कहना है कि “हर अकुशल श्रमिक को न्यूनतम 10000-12000 रु प्रति माह मिलते हैं, व कुशल श्रमिक 15 से 25 हजार कमा रहे हैं, इस प्रकार परिचालन और विनिर्माण लागत में प्रत्येक वर्ष वृद्धि होती है। अनुमान है कि मई के अंतिम सप्ताह तक श्रमिक कारखानों में लौट आएंगे और जून मध्य से उत्पादन शुरू हो जाएगा।

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