वुड पैनल इंडस्ट्री, जिनमें प्लाइवुड, लेमिनेट, पार्टिकल बोर्ड, एमडीएफ, टिम्बर सॉ मिल, फर्नीचर आदि शामिल हैं, यह एक लेबर इंटेंसिव मैन्युफैक्चरिंग सेटअप होता हैं जो कोविड महामारी के प्रकोप के बाद गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। यह उद्योग फैक्ट्रियों में ऑटोमेशन का काफी प्रयास कर रहा है, लेकिन उत्पादन के लिए अभी भी मजदूर प्रमुख स्तंभ हैं।
मजदूरों की घर वापसी से इनका सं्चालन बंद हो गया था और जाहिर तौर पर उद्योग को पर्याप्त संख्या में मजदूरों के बिना, इनके अस्तित्व पर संकट पैदा होने की आशंका थी। यही कारण है कि ‘प्रवासी मजदूरों के अपने घरों की ओर पलायन ने उत्पादकों में अनिश्चितता पैदा की जिससे इनकी चुनौतियां भी बढ़ गई। यदि किसी उद्यम में कार्यबल की संख्या कम है, तो इसका अर्थ है कि उनकी उत्पादकता में भारी नुकसान या उनके अधिकतम दक्षता का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। आमतौर पर वुड पैनल सेक्टर में अप्रैल से जून महीने के दौरान मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ता है, और उनकी उत्पादकता आधे से कम हो जाती है। लेकिन इस बार, कोविड महामारी के कारण मजदूरों का घर वापसी के लिए पलायन अप्रत्याशित था और उत्पादकों में संदेह था कि, ये प्रवासी मजदूर अपने काम पर वापस कब और कैसे लौटेंगे? ’कई राज्यों ने स्थानीय रूप से कुछ नौकरियों की घोषणा की, जिसने इनका भय और चुनौतियां बढ़ा दी थी, और लगा कि प्रवासी मजदूर अब कारखानों में वापस नहीं आ सकेंगे, इसलिए फैक्ट्रियों में भविष्य में भी काम में रूकावटे आ सकती है।
लेकिन, प्रवासी मजदूरों के वापस आने शुरू होने के कारण उद्योगों का परिदृश्य बदल रहा है। प्रवासी कामगारों पर आश्रित राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, केरल आदि में जून के अंत तक लगभग 40-45 फीसदी मजदूर वापस आ गए हैं। अनुमान है कि जुलाई के अंत तक इन राज्यों में 50 से 55 फीसदी तक मजदूर वापस आ जाएंगे, जबकि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम जैसे राज्यों में उनके कार्यबलों की संख्या 75 से 80 प्रतिशत हैं।
एक्सटेंडेड टाइमलाइन के साथ टारगेट हासिल करने के लिए बिल्डिंग और इंटीरियर प्रोजेक्ट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है। संगठित रिएल एस्टेट और बिल्डिंग मेटेरियल इंडस्ट्री को सरकारी एसओपीएस (कार्यस्थल पर सामाजिक दूरियां अपनाने के लिए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस) और बैंकिंग सुविधाओं का फायदा मिल रहा है, जो वुड पैनल सेक्टर को ऐसे कठिन समय में उनका विश्वास जीतने में मदद कर रहा है। विशेष रूप से, वुड और वुड पैनल इंडस्ट्री जून में लगभग आधे पर हैं इसलिए पेमेंट भी थोड़ी अच्छी हुई है। इस रिकवरी ने बाजार में रौनक लौटा दी है, और अनुमान के विपरीत उद्योग में एक बार फिर नई उम्मीद के साथ खड़ा है।
जून का यह अंक बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें ‘‘पीवीसी लैमिनेट‘‘ पर एक अच्छी शोधपरक मार्केट रिपोर्ट प्रकाशित किया गया है। हार्डवेयर इंडस्र्टªी पर विशेष रिपोर्ट वुड पैनल डीलरों और उभरते उद्यमियों को काफी सीखने में मदद करेगा। एलस्टोन इंडस्ट्री के निदेशक श्री पवन गर्ग का एसीपी सेक्टर पर इंटरव्यू पढ़ने लायक है। इसके अलावा, बहुत सारे मार्केट न्यूज और रिपोर्ट प्रकाशित किए गए हैं, जिन्हें आप केवल प्लाई रिपोर्टर मैगजीन में ही पढ़ सकते हैं। हमने आपको अपडेट रखने के उद्देश्य से इसके जून अंक को प्रकाशित करने का साहस किया है, ताकि आप इस कठिन समय में सही निर्णय ले सकें, इसलिए पढ़ते रहें, सुरक्षित रहें, और अपने व्यवसाय को सुरक्षित रखें!