एलस्टोन इंटरनेशनल भारतीय एल्युमीनियम कम्पोजिट पैनल (एसीपी) उद्योग का प्रमुख ब्रांड है, जिसे इस क्षेत्र में कई इनोवेशन लाने का श्रेय प्राप्त है। कंपनी के पास 2 मैन्युफैक्चरिंग लाइनें, 15 गोदाम व कार्यालय और पूरे देश में लगभग 150 डीलर-डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क हैं। इसके अलावा, एलस्टोन ने सार्क देशों में भी अपने बाजार का विस्तार किया है। श्री पवन गर्ग के मार्गदर्शन में, एलस्टोन एसीपी साल दर साल अपना ग्रोथ रेट बनाए हुए है। कोविड के इस टाइम में, जहां हर कोई निरंतर संघर्ष कर रहा है, श्री गर्ग भविष्य की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इन्होंने प्लाई रिपोर्टर से बात चीत में अपने कामकाज व योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
प्र. पिछले 100 दिनों (30 जून तक) में आप एसीपी व्यापार के परिदृश्य की व्याख्या कैसे करेंगे?
जब सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन का आह्वान किया, तो शुरूआती 30 दिनों तक कोई कारोबार नहीं हुआ। बड़े पैमाने पर मेटेरियल व लोगों की आवाजाही पर विराम लग गया। लॉकडाउन के दूसरे चरण के मध्य से जब लॉकडाउन से राहत मिली, उसी दौरान मेटेरियल सप्लाई चेन में रूकावटें भी रही, क्योंकि भारत में कई राज्यों में तब भी लॉकडाउन था और जगह-जगह रुक-रुक कर खोलने और बन्द करने की रस्सा-कशी चल रही थी।
अर्थव्यवस्था में अस्थिरता, बाजार में कम मांग तथा चीन में लॉकडाउन के कारण अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं के टूटने के कारण लॉकडाउन में पहले से ही व्यापार में गिरावट थी। लॉकडाउन के चलते प्रवासी श्रमिक, विशेष रूप से अर्धकुशल और अकुशल श्रमिक, बड़ी संख्या में अपने होम टाउन लौट आए। वैश्विक आर्थिक विकास में मंदी के साथ, एल्यूमिनियम कम्पोजिट पैनल उद्योग पर भी निश्चित रूप से प्रभाव पड़ा है, लेकिन फिर भी यह अपेक्षाकृत आशावादी विकास बनाए हुए है।
प्र. इस क्षेत्र को कितना नुकसान हुआ है? और, 31 मार्च, 2021 तक आप कितनी वापसी की उम्मीद करते हैं?
इस क्षेत्र में कार्यरत शीर्ष 10 कंपनियों को पर्याप्त मात्रा में नुकसान हुआ है। यह कहना मुश्किल है कि महामारी का प्रभाव कब तक खत्म होगा। लेकिन, अनुमान लगाया जा सकता है कि 2021 तक स्थिरता आ जाएगी। हालाँकि पिछले महामंदी के दौरान देखे गए ट्रेंड के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि बाजार 2022 से धीरे-धीरे उबर जाएगा, हालाँकि इस बार महामंदी के समय की तुलना में रिकवरी में अधिक समय लगसकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में वर्ष 2020-2021 के दौरान कुल अनुमानित ुकसान 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा, यह एक प्रमुख संकेतक माना जा सकता है, जो प्रमुख एन्ड-यूजर इंडस्ट्री जैसे बिल्डिंग मेटेरियल और मैन्युफैक्चरिंग के विकास पर भारी प्रभाव का संकेत देता है। मेरी राय है कि अगले 6 महीनों में इसकी रिकवरी होने की पूरी उम्मीद है।
प्र. अपने व्यवसाय के लिए इस अवधि के दौरान आपको क्या-क्या मौके मिले, और आपने क्या-क्या देखा?
अवसर ‘मेक इन इंडिया‘ और ‘आत्मनिर्भर भारत‘ में है, जो हमें आने वाले दिनों में फायदा दे सकता है। भारत चीन सीमा पर तनाव के चलतंे स्थानीये उत्पाद के लिए कई अवसर पैदा होगें। हम अन्य क्षेत्रों में भी अवसर तलाश रहे हैं। क्याकिं किसी भी मेहनती और लक्ष्य निर्धारित कर काम करने वाले व्यक्ति के लिए बहुत अवसर हैं।
प्र. यह कहा जाता है कि सरकारी प्रोजेक्ट, अभी एसीपी क्षेत्र के लिए मददगार रहेगी, आप क्या देख रहे हैं और कैसे?
मेरी राय में, रिटेल पूरे उद्योग के लिए प्रमुख है। जैसा कि सरकारी हों या निजी, बहुत ही धीमी गति से आगे बढ़ रही हैं। मुझे उनसे 6 से 12 महीने के बाद ही कारोबार मिलने की उम्मीद है। मुझे लगता हैं यह एक वैश्विक समस्या हैं। यदि हमें कही उम्मीद की किरन दिखाई देती हैं यह भारतीय बाजार ही हैं जो सबसे पहले ऊभरेगा।
प्र. यह भी लगता है कि किफायती उत्पादों की बिक्री अच्छी रहेगी, एसीपी सेक्टर में कैसा परिदृश्य होगा?
पहले, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद 70 फीसदी बाजार पर हावी थे। लेकिन पिछले 2 सालों में ट्रेंड इकोनॉमिक ग्रेड की तरफ बदल गया है। वर्तमान परिदृश्य में, लगभग 70 फीसदी बाजार इकोनॉमिक ग्रेड एसीपी का है। जब तक यह सामान्य नहीं होजाता हमे सस्ते गे्रड के एसीपी मे ही कारोबार करना होगा।
प्र. एसीपी का बना क्लैडिंग जिसे एचपीएल प्लैंक भी कहा जाता हैं, इसमें पिछले चार सालों मे अच्छी मांग देखी गई है, कोविड के बाद आप इस उत्पाद की मांग कैसे देखते हैं?
हम फसाड के किसी भी प्रकार के उत्पादों की बिक्री में बहुत बड़ा उछाल नहीं देखते हैं। तो जब तक कोविड का डर खत्म नहीं हो जाता इसमें मंदी बनी रहेगी।
प्र. पेमेंट, कैपिटल और नकदी, अब सबसे बड़ी चिंता का विषय है, आपका क्या विचार है?
निर्माताओं के दिमाग में आजकल सबसे बड़ी चिंता कैश फ्लो और वर्किंग कैपिटल की है। कुछ लोग मानते है कि एक वित्तीय प्रोत्साहन पर्याप्त होगा, लेकिन दूसरे कई लोग मान रहे हैं कि कोविड19, विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ इकोसिस्टम और वैल्यू चेन में बदलाव और सुधार के लिए एक वेक-अप कॉल है।
आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि कुछ कंपनियां चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में ही काॅइल कोटिंग लाइन लगाने की योजना बना रहे हैं। हम पिछले 2 महीनों में देख सकते हैं, सभी परियोजनाएँ, चाहे
जब प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं, तो बाजार बहुत तंग और बेहद कैश-रिस्ट्रिक्टेड होने की उम्मीद करता है। यह काफी हद तक मांग में अत्याधिक अनिश्चितता (और/या बाजार में उत्पाद वितरित करने की क्षमता) के चलते कम या गैर-मौजूदा व्यावसायिक आय के कारण होता है। डिस्ट्रिब्यूटर्स/डीलर्स, जिनके पास दीर्घकालिक विजन और ईमानदारी है, वे लॉकडाउन के दौरान भी अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान कर रहे थे, लेकिन उनमें से कुछ जो पहले बहाने बना रहे थे, उन्होंने अपने बहाने का दायरा और बढ़ा दिया है। मेरी राय में, सितंबर के अंत तक बाजार सामान्य हो जाएगा।
प्र. एसीपी मैन्युफैक्चरिंग पर चीन विरोधी लहर का प्रभाव कैसे पड़ेगा, क्योंकि भारत इसके लिए चीन से ही प्रमुख कच्चे माल का आयात करता है?
आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि कुछ कंपनियां चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में ही कॉइल कोटिंग लाइन लगाने की योजना बना रहे हैं। कच्चे माल की डिलीवरी में कमी और देरी भी होगी। लेकिन यह लोकल प्लेयर्स के लिएनऐ अवसर भी लेकर आऐगा।
प्र. हाई इनपुट काॅस्ट, डाॅलर की बढ़ती कीमतें, कम उत्पादकता आदि कई बाधाओं के साथ, क्या आपको लगता है कि एसीपी उत्पादों में कीमतें बढ़ेगी, यदि हाँ तो कितना और यह सेक्टर इसे कैसे लागू कर पाएगा?
उत्पादन के एवज में, जब तक मांग 50 फीसदी से कम हो, मुझे नहीं लगता उद्योग कीमतों में वृद्धि के बारे में सोचेगा।
प्र. अभी के समय में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरस उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है, क्या आपका उत्पाद इन गुणों पर खरा उतरताहै, या क्या आप ऐसे परिदृश्य में एसीपी के नए एप्लिकेशन को देखते हैं?
हम योजना बनाकर इस तरह के उत्पाद की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले 2 महीनों में हम ऐसे उत्पाद बाजार में लांच करेंगे।