आइका, फर्नीचर सेक्टर के लिए प्री-लेमिनेटेड बोर्ड और स्पेशलिटी लेमिनेट लाएगा श्री जे एल अहूजा, सीओओ और निदेशक, आइका लैमिनेट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

Monday, 28 September 2020

आइका लेमिनेट्स काफी बदलाव के साथ आगे बढ़ रहा है और कई नए उत्पादों जैसे एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस लैमिनेट्स, प्री-लैमिनेटेड बोर्ड और बाजार के विशेष सेगमेंट के लिए हायर थिकनेस लेमिनेट्स जैसे उत्पादों की नई रेंज केm साथ आ रहा हैं। प्लाई रिपोर्टर से बातचीत के दौरान, श्री जेएल आहुजा, सीओओ और निदेशक, आइका लैमिनेट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ंने बताया कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप थोड़ा थमने के बाद कंपनी ने भारतीय बाजार में बहुत बदलाव देखा है, और आगे के निर्णय उसी आधार पर लिया जा रहा है। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश।

प्र. आइका लेमिनेट, एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड होने के नाते कोविड लॉकडाउन के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आपके व्यवसाय पर इसका कितना असर पड़ा है?

भारत में, हम भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। मुख्य रूप से, हमारी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय बाजार में ही है और हम विशेष रूप से 1 मिमी के लिए बाजार के अपर सेगमेंट (या प्रीमियम) में हैं। यहां तक कि 0.8 मिमी की छोटी मात्रा, जो बनाया जा रहा है, इसी बाजार की जरूरतों को पूरा कर रहा है। जहां तक आइका इंडिया का सवाल है, हम अभी भी इस सेगमेंट में बहुत बड़ें प्लेयर नहीं हैं। हमारे पास केवल तीन प्रेस हैं और क्षमता छोटी है। हम इंडस्ट्रियल लेमिनेट सेगमेंट में अच्छा व्यवसाय कर रहे हैं, जिसे बाजार का आत्मनिर्भर सेगमेंट कहा जा सकता है, जिसके लिए हम एलएंडटी, सीमेंस, क्रॉम्पटन और ऐसी कई कंपनियाँ, आदि जैसे ग्राहकों को हाई टेंशन इलेक्ट्रिक अप्लायंसेस के लिए हाई इलेक्ट्रिकल इंसुलेटिंग मेटेरियल प्रदान करते हैं।

इसके अतिरिक्त, हम अपने उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत निर्यात भी कर रहे हैं। इन दो मार्केट सेगमेंट में जहां तक हमारे व्यवसाय का संबंध है, अब तक बहुत प्रभाव नहीं पड़ा है। दोनों के बीच, कुल कारोबार का लगभग २० फीसदी हमेशा से भिन्न रहा है। शेष ८० फीसदी में से, हमने पिछले वर्ष के इस अवधि के कारोबार की तुलना में इस समय लगभग ६० फीसदी व्यापार तथा लगभग ५० फीसदी वसूली की है। हम आने वाली तिमाही में और १० फीसदी या उससे अधिक हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं।

प्र. तो, इंडस्ट्रियल लेमिनेट सेक्टर के अलावा पहली तिमाही में, 1 मिमी बाजार पर कितना प्रभाव पड़ा है?

पहली तिमाही में अप्रैल-मई लॉकडाउन ही था, लेकिन दूसरीनहीं हुआ। वास्तव में हमने थोड़ा सुधार भी किया है। निर्यात में भी, हमने 70-80 प्रतिशत की बिक्री पुनः प्राप्त कर लिया है। 1 मिमी लेमिनेट में हमने 40-५० फीसदी बिक्री पुनः प्राप्त कर लिया है।

प्र. कोविड की वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई कम्पनियाँ एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल उत्पाद लेकर बाजार में आ रही हैं। इस सेगमेंट में कई संगठित प्लेयर्स भी कोविड के वर्तमान परिस्थिति का फायदा उठाने के लिए ऐसे उत्पाद लाए हैं। इस पर आपकी क्या राय है?

हमारे रेंज में पहले से ही एंटी फंगल, एंटी-बैक्टीरियल उत्पाद है और हम इनको अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेच रहे हैं। बाजार के अपर सेगमेंट को पता है कि हमारे पास ऐसे लेमिनेट हैं, जो एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल हैं और वे प्रोजेक्ट में इसका उपयोग भी कर रहे हैं। लेकिन, लोग इसके लिए कोई विशेष प्रीमियम देने को तैयार नहीं हैं। इसके पीछे उद्द्येश्य यह था कि हम बाकी से अलग कैसे हों। हम अब कुछ और साॅलूशन लाएंगे जिसे अक्टूबर 2020 से आर्किटेक्ट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर लॉन्च करेंगे।

हम ओईएम और मॉड्यूलर सेक्टर में आने की कोशिश कर रहे हैं। इनके लिए, प्री लेमिनेटेड आवश्यक है और इसके लिए हम कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग को अपनाएंगे। अभी दो-तीन मैन्युफैक्चरर्स से दीर्घकालिक व्यवस्था की योजना पर बातचीत हो रही हैं। 
वास्तव में, हमारे पास एंटी-वायरल तकनीक भी है, जिसका अभी थर्ड पार्टी टेस्टिंग जारी है ताकि आर्किटेक्ट को विश्वसनीयता प्रदान की जा सके। हम बाजार को कुछ नया देना चाहते थे। हमारे पास एंटी-वायरस प्रॉपर्टी के जपानी तकनीक है, जिसकी मार्केटिंग जापान में पहले से ही की जा रही है, और हम इसे भारत में लाएंगे। लेकिन इससे पहले, हम थर्ड पार्टी की मान्यता प्राप्त करेंगे, ताकि यह जापानी प्रसिद्ध सिद्धांत के उचित बैक अप के साथ सही सेगमेंट का ध्यान आकर्षित करे।

प्र. यह किस प्रकार का उत्पाद होगा, एंटी-बैक्टीरियल या कुछ नया?

यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल भी होगा। वास्तव में, हमारे पास एंटी-वायरल तकनीक भी है, जिसका अभी थर्ड पार्टी टेस्टिंग जारी है ताकि आर्किटेक्ट को विश्वसनीयता प्रदान की जा सके। हम बाजार को कुछ नया देना चाहते थे। हमारे पास एंटी-वायरस प्रॉपर्टी के जपानी तकनीक है, जिसकी मार्केटिंग जापान में पहले से ही की जा रही है, और हम इसे भारत में लाएंगे। लेकिन इससे पहले, हम थर्ड पार्टी की मान्यता प्राप्त करेंगे, ताकि यह जापानी प्रसिद्ध सिद्धांत के उचित बैक अप के साथ सही सेगमेंट का ध्यान आकर्षित करे। भारत में कई कंपनियां एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरिया आदि के बारे में बात कर रही हैं, लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि उनका टेस्टिंग बैकअप कितना प्रभावी है। एक कंपनी के रूप में, जब तक कि हमारे पास थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन या एक्रीडिटेशन का उचित बैक अप नहीं होगा, हम इस तरह के प्रोडक्ट/ टेक्नोलॉजी को बाजार में लाना पसंद नहीं करेंगे।

प्र. आइका मुख्य रूप से प्रोजेक्ट संचालित बाजार की जरूरतों को पूरा करता है, लेकिन कोविड के कारण परियोजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, तो आपका अगला कदम क्या है?

अब हम ओईएम और मॉड्यूलर सेक्टर में आने की कोशिश कर रहे हैं। इनके लिए, प्री लेमिनेटेड आवश्यक है और इसके लिए हम कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग को अपनाएंगे। अभी दो-तीन मैन्युफैक्चरर्स से दीर्घकालिक व्यवस्था की योजना पर बातचीत हो रही हैं। इसलिए, चाहे पार्टिकल बोर्ड हो या एमडीएफ, इन चीजों में हम प्री-लेमिनेटेड सॉलूशन देंगे। हम बड़े पैमाने पर ओईएम सेगमेंट में उतरने की योजना बना रहे हैं और उन्हें हम प्रीमियम उत्पाद देंगे।

प्र. तो, आप इस समय प्रोजेक्ट में जब अप्रैल के बाद से बिक्री पूरी तरह से ठीक होने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं है तो लेमिनेट की बिक्री को कैसे संतुलित करते हैं?

जब हम प्रोजेक्ट की बात करते है तो इसके लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है, और हम उस सेगमेंट में हैं, जो ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ। हम बहुत बड़े प्रोजेक्ट की बात नहीं कर रहे हैं, जहां कई समस्या हैं। हम फाइनेंसियल सेक्टर जिन पर कोविड का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है, उनकी बात कर रहे है। ट्रांसपोर्ट, नेवी जैसे सेगमेंट भी हैं, और विशेष रूप से वैसे प्रोजेक्ट्स जो सरकार द्वारा समर्थित हैं, जो ज्यादा प्रभावित नहीं हैं।

अब हम छोटे शहरों में भी प्रोजेक्ट सेगमेंट में उतर रहे हैं। पहले हमारा ध्यान बड़े शहरों पर था लेकिन अब हम प्रक्रिया को छोटे शहरों में भी बढ़ा रहे हैं। हम छोटे स्तर के प्रोजेक्ट के स्पेसिफायर को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं और नए शहरों में ऐसे कई हैं।

प्र. भारत में 1 मिमी लेमिनेट सेगमेंट में आप कब सुधार देखते हैं?

मुझे लगता है कि 1 मिमी का बाजार लम्बे समय तक टिकने वाला नहीं है, अंततः मैन्युफक्चरर्स लोअर थिकनेस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे । मैं यह नहीं कह सकता कि यह अगले 5 वर्षों में ही होगा, क्योंकि इस क्षेत्र में ऑटोमेशन को लेकर जागरूकता अभी भी काफी दूर है। फैक्ट्री में बने फर्नीचर और (डू इट योरसेल्फ) जैसी चीजें अभी तक इतनी प्रचलित नहीं हुई, ना ही स्वीकृति मिली है।

हमें अभी भी बहुत सारे कस्टमाइज फर्नीचर की आवश्यकता है। अपार्टमेंट, शोरूम, बैंक एटीएम आदि के संदर्भ में स्टैंडर्डाइजेशन बहुत अधिक नहीं है। तो, पहले इन्हें कस्टमाइजेशन करना\ होगा। अच्छे कारपेंटर अभी भी बहुत उपयोगी हैं और सौभाग्य से इस क्षेत्र में भारत की क्षमता अच्छी है।

सरकार का कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से, विशेष रूप से मैनुअल लेवर सेगमेंट पर जोर दे रही है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ठेकेदार और लेवर भी समय के साथ बदलते बाजार के अनुसार अपग्रेड हो गए हैं। कारपेंटरों के काम भी अच्छा और तेजी से होने लगा है । मॉड्यूलर फर्नीचर अभी भी बड़े पैमाने पर लोगों के पहुंच से बाहर है, क्योंकि ग्राहकों के लिए वह पसंदीदा लुक और सटीक उपयोगिता नहीं दे पाएगा।

प्र. क्या आपको लगता है कि भारत में भी अन्य देशों की तरह किचेन केबिनेट में हाई थिकनेस लेमिनेट के एप्लिकेशन में वृद्धि हुई है?

मध्य पूर्व, यूरोप आदि में हाई थिकनेस का बाजार वास्तव में अच्छा है। यह भारत में भी चलन में आ रहा है, थिकर लेमिनेट एक नया सेगमेंट है जिसमें, वास्तव में हम भी शामिल हो गए हैं। ये हमें इस बाजार पर पड़े कोविड के प्रभाव से बचने में मदद कर रहा है। इसमें हम 2.5 मिमी, 2 मिमी, 3 मिमी, आदि के थिकनेस के साथ काम कर रहे हैं।

 

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