ग्रेटर नोएडा एक फर्नीचर हब बनने जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (ल्म्प्क्।) सेक्टर 28 और 29 में 300 एकड़ भूमि पर एक फर्नीचर पार्क बनाने के लिए योजना तैयार की है। अधिकारियों ने कहा कि 4,000 वर्गमीटर का कुल क्षेत्र ड्रा के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। अब तक 15 फर्मों ने इस योजना में रुचि दिखाई है। यह योजना अगले साल जनवरी में लांच की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि पार्क में एंटीक फर्नीचर भी होगा और साथ में बिक्री आगे बढ़ने की संभावना भी है क्यांेकि नजदीक में ही जेवर एयरपोर्ट भी बनाई जाएगी।
ल्म्प्क्। के सीईओ श्री अरुण वीर सिंह ने कहा कि हम सेक्टर 28 और 29 में 300 एकड़ जमीन पर फर्नीचर पार्क/वुड वेयर हब के रूप में विकसित करेंगे। यह क्लस्टर हेंडीक्राफ्ट और अपेरल हब के नजदीक होगा, जिसे ल्म्प्क्। द्वारा ही विकसित किया जा रहा है। यह स्कीम जनवरी 2021 में खुलेगी इसके लिए पहले से ही 15 बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
फर्नीचर पार्क स्कीम के तहत, 4,000 वर्गमीटर जमीन प्लाट में विभाजित किया जाएगा और ड्रा के माध्यम से आवंटित किया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि सेक्टर 28 और 29 दोनों में 150 -150 एकड़ जमीन है, जिसे विकसित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा इसकी कीमत 4,000 वर्गमीटर तक 6,670 रूपए प्रति वर्ग मीटर होगा।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार के अनुसार, 2019-20 में हेंडीक्राफ्ट वुड फर्नीचर और वुड वेयर का कुल निर्यात 5,494.85 करोड़ रुपये था, जबकि इसी अवधि में मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट ने 2,747.42 करोड़ रुपये की कमाई की। यह आंकड़ा 2018-19 में क्रमशः 5,311.59 करोड़ रुपये और 2,655.79 करोड़ रुपये था।
श्री कुमार ने कहा कि जेवर हवाई अड्डे के पास एक फर्नीचर पार्क निश्चित रूप से निर्यात को बढ़ावा देगा और भारतीय वुड वेयर के मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट को मदद करेगा, जिसमें न केवल बेड, सोफे, टेबल और अलमारियाँ जैसे फर्नीचर शामिल हैं, बल्कि डेकोरेटिव आइटम्स भी हैं। उन्होंने कहा कि फर्नीचर के लिए फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देश प्रमुख निर्यात केंद्र हैं।
उत्तर भारत जोधपुर, जयपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, आदि जैसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के चलते फर्नीचर का एक प्रमुख निर्यातक है। ग्रेटर नोएडा में नया फर्नीचर पार्क निश्चित रूप से इस क्षेत्र को और अधिक विकसित करने में मदद करेगा।