आईटीसी का मानना है कि आत्मनिर्भर भारत मिशन में डेकोर पेपर उद्योग को भी पूरी तरह लोकल बनाना चाहिए

Wednesday, 16 December 2020

श्री पीजुश कुमार चटर्जी, जीएम (स्पेशलिटी पेपर), आईटीसी लिमिटेड

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने चीन से डेकाॅर पेपर के आयात पर एंटी-डंपिंग जांच शुरू की है। आईटीसी लिमिटेड द्वारा दिए गए आवेदन के बाद यह पहल की गई है। कंपनी का कहना है कि चीन से होने वाले डेकाॅर पेपर के डंप इम्पोर्ट के कारण घरेलू उद्योग को चोट पहुंच रही है। उन्होंने चीन से इसके आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का भी अनुरोध किया। यह उत्पाद एचपीएल और विभिन्न मोटाई के एलपीएल के लिए डेकोरेटिव बेस पेपर है, जिसे प्रिंटेड डेकोर पेपर को छोड़कर, डेकाॅर बेस पेपर, एचपीएल या एलपीएल के लिए डेकाॅर पेपर, कोटिंग बेस पेपर और प्रिंट बेस पेपर के रूप में भी जाना जाता है।

कंपनी का दृष्टिकोण को जानने के लिए प्लाई रिपोर्टर ने आईटीसी लिमिटेड से संपर्क किया और कम्पनी के जीएम (स्पेशलिटी पेपर) पीजूष कुमार चटर्जी से बात की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश

प्र. आप चीन से ‘डेकाॅर पेपर’ के आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी क्यों लगाना चाहते हैं?

हम भारत में डेकोरेटिव लैमिनेट उद्योग के लिए कई साल से डेकोर पेपर के मुख्य सप्लायर्स हैं। हम इस उद्योग में करीब 40 साल से हंै। हमने 2017 में अपने डेकोर पेपर्स मैन्युफैक्चरिंग लाइन में भारी निवेश किया और इसे पुनर्जीवित किया और अब इन वैश्विक उत्पादकों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हंै। पिछले 18 महीनों में हमनंे अतिरिक्त क्षमताओं के कारण कम कीमत वाले चाइनीज पेपर का ट्रेंड देखा है। हमारा इरादा चीन से कम कीमत और अस्थिर आयात, जो घरेलू उद्योग के लिए हानिकारक हैं, के खिलाफ एक समान बाजार को बनाना है। मेक इन इंडिया के तहत आत्मानिर्भारता पर सरकार के प्रयास के अनुरूप, आईटीसी भी मानता है कि हमें भारतीय डेकोर पेपर उद्योग को भी पूरी तरह लोकल बनाना चाहिए।’ अन्य स्थापित वैश्विक प्लेयर्स भी भारत को डेकोर पेपर का निर्यात करते हैं, पर ऐसी नीतियां नहीं है।

प्र. हर साल चीन द्वारा कितना डेकाॅर पेपर निर्यात किया जा रहा है?

चीन के डेकॉर पेपर मिलों से भारत में लगभग 35-40 हजार टन सालाना निर्यात किया जाता है। यह पिछले 3 वर्षों में तेजी से बढ़ी है और बहुत कम कीमतों पर डंपिंग की जा रही है।

प्र. एंटी-डंपिंग ड्यूटी का बेस प्राइस कितना हो, और आप क्या चाहते हैं?

यह सम्बंधित प्राधिकरण, डीजीटीआर (डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ ेड रिमेडी) पर निर्भर है कि वह दिए गए तथा जाँच से प्राप्त

तथ्यों और मैन्युफैक्चरिंग की स्थानीय लागत, साथ ही रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता के आकलन के आधार पर निर्धारित करंे। हमने स्थानीय उद्योग को नुकसान की सीमा को रेखांकित किया है।

प्र. एंटी-डंपिंग मूव के बाद आईटीसी ने क्या अपनी क्षमता में और विस्तार की योजना बनाई है?

आईटीसी पीएसपीडी की कुल क्षमता 800,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष पेपर और पेपर बोर्डों की है, जिसमें करीब 180,000 मीट्रिक टन संचार और इंडस्ट्रियल पेपर हैं। डेकोरेटिव पेपर इस कुल क्षमता का एक सबसेट है और हम व्यापार और व्यवहार्यता के लिए बाजार में अपने हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अभी या बाद में में विकल्प का उपयोग कर सकते हैं। भारत में डेकोरेटिव लैमिनेट इंडस्ट्री की सेवा के लिए प्रतिबद्ध एक जिम्मेदार घरेलू प्लेयर के रूप में, हम इस बाजार में निवेश करने और आगे बढ़ने के लिए तब तक तैयार हैं जब तक हम प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं और अनुचित व्यापार नहीं अपनाते। एक बार इस तरह की अनुचित गतिविधियों का समाधान हो जाने के बाद, हम भारतीय उद्योग में वर्तमान और नए प्लेयर्स के माध्यम से विश्व स्तरीय डेकोर पेपर फैसिलिटी की स्थापना की उम्मीद करते हैं।

 

Image
Ply Reporter
Plywood | Timber | Laminate | MDF/Particle Board | PVC/WPC/ACP

Ply Reporter delivers the latest news, special reports, and industry insights from leading plywood manufacturers in India.

PREVIOS POST
Demand is on, Though the Glitter is Gone - Pragat Dvivedi...
NEXT POST
ITC Believes In Making Indian Décor Paper Industry Comple...