ब्रांड बज की श्रृंखला में प्लाई रिपोर्टर ने अब तक कई कम्पनियों के नामी ब्रांड हेड के साथ बातचीत की है, इसी कड़ी में 24 जनवरी को प्लाई रिपोर्टर की बातचीत श्री शेखर सती, प्रेसिडेंट (सेल्स) एमडीएफ एंड फ्लोरिंग डिवीजन, ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज लिमिटेड हुई।
श्री शेखर सती एक एमबीए हैं और उनका बिल्डिंग मेटेरियल इंडस्ट्री एंड ट्रेड में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। ग्रीनपैनल में आने से पहले उन्होंने कई बड़े ब्रांड जैसे ओरिएंटबेल, सिम्पोलो, वेलस्पन ग्रुप (जिसमें वे इंडिया और सार्क देशों के नेशनल हेड थे) में उच्च पदों पर आसीन थे। उनको व्यापार के व्यापक विकास का अच्छा अनुभव है। डीलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स तथा ट्रेड के लोगों व् निवेशकों के बीच उनकी एक अच्छी साख है। उनके कई उपलब्धियों में बड़े टीम का निर्माण कर, उसका सफलता पूर्वक संचालन भी शामिल है। उन्होंने 16 महीने पहले ग्रीनपैनल में पदभार ग्रहण किया और अब तक कंपनी में कई नीतिगत बदलाव किये हैं, जिसके चलते ग्रीनपैनल वैल्यू और वाॅल्यूम दोनों में दुगने से अधिक ग्रोथ किया है।
प्र. आप बिल्डिंग मेटेरियल इंडस्ट्री के दूसरे सेगमेंट से आए हैं, जो खासतौर पर आॅर्गनाइज्ड हैं, जबकि वुड पैनल इंडस्ट्रीn ज्यादातर असंगठित है। आप यहां आकर कैसा महसूस करते हैं?
इस उद्योग में आना मेरे लिए एक नया अनुभव है। औपचारिक रूप से अपना करियर शुरू करने के बाद मैं 2009 से ही बिल्डिंग मेटेरियल ट्रेड में आया। सेल्स में सभी जगह एक चीज कॉमन होती है, वह यह कि सेल्स के लोगों को कोई भीm चीज बेचने के लिए तैयार और सक्षम होना चाहिए। इनमें सें एफएमजीजी को छोड़कर बाकी के लिए कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह प्लाइवुड, एमडीएफ, टाइलें, नल, सेनेटरीवेयर, बाथरूम उपकरण या बिल्डिंग मेटेरियल के कोई अन्य उत्पाद है। इसलिए, सेल्स का मंत्र है, निरंतरता की आदत और कस्टमरसेंट्रिक होने के लिए ध्यान केंद्रित रखना। यह सेक्टर थोड़ी अलग तरह से ऑर्गनाइज्ड है, क्यांेकि प्लाइवुड में कुछ ही ऑर्गनाइज्ड कंपनियां हैं। एमडीएफ में भी तीन से चार ब्रांड हैं, जो ब्रांडिंग और क्वालिटी में विश्वास करते हैं। अब बाजार भी विकसित हो रहा है, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि चुनौतियां सभी जगह हैं।
वुड पैनल इंडस्ट्री में, मैंने पूरे देश की यात्रा की और दिल्ली, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, आदि जैसे लगभग हरेक बाजार का दौरा किया और समझा कि लकड़ी का काम करना अलग है, क्यांेकि यहां डिस्प्ले का अधिक महत्व नहीं है। अब, प्लाइवुड और एमडीएफ को संगठित क्षेत्र माना जाने लगा है। लोग केटेगरी को समझते हैं और डीलरों की मानसिकता भी अब बदल रही है। इसलिए बाजार की बेहतर समझ के साथ अब मैं इसको इंजॉय कर रहा हूं।
प्र. एक साल पहले एमडीएफ सेगमेंट ओवर प्रोडक्शन के साथ कम बिक्री की स्थिति से जूझ रहा था, लेकिन पिछले तीन महीनों में यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट बन गया है, और पूरी क्षमता का उपयोग हो रहा है। क्या कारण है कि अब हर कोई बढ़ रहा है?
सम्भावना सभी उत्पादों में होती है और बाजार भी बहुत बड़ा है। आवश्यकता है सही रणनीति, दृष्टिकोण, विचार, ग्राहक केंद्रित होना तथा सेवा प्रदान करने वाली मानसिकता की। जब मैंने अक्टूबर 2019 में ज्वाइन किया, तो हम 8000 सीबीएम बेच रहे थे और उम्मीद थी कि मार्च 2020 तक इसे दोगुना कर दिया जाए। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, मैंने अपने मानव संसाधन, उत्पादन क्षमता और बाजार की क्षमता के बारे में अधिकारियों से चर्चा थी। दोनों प्लांटों का दौरा किया, बाजार का सर्वे किया और डीलरों से मिलने के लिए पूरे देश में यात्रा की। संरचनात्मक सुधार अक्टूबर 2019 से ही की जा रही थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मार्च 2020 में ही हम दोनों प्लांट से अपनी 21500 सीबीएम उत्पादन क्षमता का 90 फीसदीहिस्सा बेचने में सक्षम थे। योजना के अनुसार चीजें आगे बढ़ रही थीं लेकिन कोविड-19 के कारण योजनाएं अस्थायी रूप से ठप हो गई। बाजार के फिर से खुलने के बाद, एमडीएफ की बिक्री में कई कारणों से तेजी देखी गई जिसके लिए हमें चीजों को नियोजित, तैयार और रणनीति के अनुसार कार्य करना था।
प्र. कोविड के बाद अचानक कैसे ग्रोथ हुआ और आपने इसे कैसे हासिल किया?
कुछ सकारात्मक बातें कोविंड के बाद हुई, जिसके चलते अचानक ग्रोथ देखने को मिली जैसे चीन विरोधी भावना ने भारत को सेल्स में फायदा पहुंचाया। इससे एक्सपोर्ट के लिए कई पूछताछ की गई। हमारी उत्पादन क्षमता ने न केवल
्रीनपैनल भारत का सबसे बड़ा वुड पैनल निर्माता है, जिनका मैन्युफैक्चरिंग प्लांट उत्तराखंड और आंध्रप्रदेश में स्थित है जहां एमडीएफ, प्लाइवुड, ब्लाॅक बोर्ड, विनियर, फ्लोरिंग और डोर की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है। ग्रीनपैनल में एमडीएफ मैन्युफैक्चरिंग की क्षमता 5.5 लाख सीबीएम प्रति वर्ष है, और कंपनी के 3000 से अधिक डीलर्स के नेटवर्क पूरे देश में है। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश।
घरेलू बाजार को साथ दिया बल्कि निर्यात भी किया। स्थानीय उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा ‘लोकल के लिए वोकल‘ और ‘मेक इन इंडिया‘ पर जोर दिए जाने और लोगों की मानसिकता में बदलाव जैसे कई अन्य कारक एमडीएफ के ग्रोथ में योगदान दिया। डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर, ओईएम और सीधे ग्राहक, हर कोई स्थानीय उद्योग का समर्थन कर रहा है, यही कारण है कि अर्थव्यवस्था इतनी तेजी से पटरी पर लौट रही है। हालांकि मई 2020 में जब बाजार फिर से खुले तो लगभग कोई कारोबार नहीं था, हमारे ग्रोथ के लिए हमारी टीम ने सराहनीय कार्य किया। हमने दिन-प्रतिदिन कड़ी मेहनत की तो जो बिक्री पहली तिमाही में 30 ब्त थी, वह तीसरी तिमाही में 100 ब्त तक पहुंच गया। सभी सकारकत्मक्ता के साथ फर्नीचर सेगमेंट से मांग बढ़ने से एमडीएफ अब एक हॉट सेलिंग उत्पाद बन गया है।
प्र. क्या आपको लगता है कि इसका फायदा वुड पैनल इंडस्ट्री के अन्य उत्पादों जैसे कि लेमिनेट, विनियर, प्लाइवुड इत्यादि को मिलेगा, क्योंकि आप इसी तरह के उत्पाद पेश कर रहे हैं?
कुछ हद तक - हाँ, जैसा कि हम भी उस सेगमेंट में हैं और खुद का प्री-लैम एमडीएफ पेश कर रहे हैं। मार्च 2020 के बाद, हम रुद्रपुर से 25,000 शीट प्रीलैम बेच रहे थे और इतना ही दक्षिण के यूनिट से। पिछले छह महीनों से हम रुद्रपुर से फ्लोरिंग के अलावा 85,000 शीट बेच रहे हैं, और दक्षिण से लगभग 75,000 शीट भी बेच रहे हैं। हमने अन्य उत्पाद जैसे विनियर एमडीएफ को भी लॉन्च किया, हालांकि कच्चे माल की खरीद में कई दिक्क्तें हैं, लेकिन यह भी बहुत बढ़िया तरीके से शुरू हो गया है। इसलिए, निश्चित रूप से यह सभी एक जैसेउत्पादों को फायदा पहुंचा रहा है। टाइल्स इंडस्ट्री की तरह वुड पैनल इंडस्ट्री के अन्य सेगमेंट में भी गुजरात की सभी कंपनियों को निर्यात के आर्डर मिल रहे हैं।
प्र. कोविड के बाद एमडीएफ के बढ़ते डिमांड ने भी इसकी कीमत को प्रभावित किया है, और यह 10 से 15 फीसदी तक बढ़ गया है। क्या यह घटेगा या अगले वित्त वर्ष 2021.22 में मांग में नरमी आएगी?
अभी जो कीमतें बढ़ रही है यह सिर्फ एक संयोग है। कई और कारण हैं जैसे कच्चे माल की लागत (टिम्बर, रेजिन औरफार्मलाडिहाइड जैसे केमिकल, आदि) 35 से 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं। बगास बेस्ड पार्टिकल बोर्ड की कीमत 18 रुपये/ वर्ग फुट से बढ़कर 29 रुपये/वर्ग फुट - लगभग 54 फीसदी बढ़ गई। इसलिए, प्लांटेशन के लिए हमारी अपनी पहल के बावजूद हम टिम्बर की कमी का सामना कर रहे हैं। कच्चे माल में कीमतें बढ़ने के बावजूद, हमारे उत्पाद की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ी। एक उद्योग के रूप में एमडीएफ में दो चरणों में सिर्फ 7 फीसदी कीमत बढ़ी है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा यह पैसा बनाने का अवसर नहीं है, वास्तव में, सोच समझकर ग्राहकों के लिए न्यूनतम वृद्धि की गई है।
प्र. क्या मांग बढ़ने से कीमत प्रभावित हुई है या कोई और कारण हैं?
कीमतों में वृद्धि पूरे बिल्डिंग मेटेरियल सेक्टर में हो रही है, जो वास्तव में उस उत्पाद के कच्चे माल के इनपुट कॉस्ट बढ़ने के कारण हो रही है। हमने बहुत दिनों तक कीमतें नहीं बढाई। लेकिन यह जरूरी था, क्योंकि चार साल से कोई मूल्य सुधारm नहीं हुआ था। कोई भी उद्योग, कारखाना, या लेवर बिना कीमतों में वृद्धि के नहीं चल सकता। जैसा कि हम जानते हैं कि कोविड के बाद लॉजिस्टिक की दिक्क्तें थी, जिससे कच्चे माल की सप्लाई बाधित होने से दिक्क्तें और बढ़ गई।
प्र. क्या आइकिया और अन्य रेडीमेड फर्नीचर प्लेयर्स के तेजी से बढ़ने से एमडीएफ की मांग का बढ़ना जारी रहेगा?
एमडीएम की मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी, क्योंकि रेडीमेडफर्नीचर बाजार तेजी से बढ़ रहा है। हमने अभी भी ई-कॉमर्स बिजनेस सेगमेंट को नहीं छुआ है और यह तेजी से बढ़ रहाहै। इसके अलावा लोग अब केवल ‘बी 2 बी‘ के बजाय ‘बी 2 सी‘ की गतिविधियों को अपना रहे हैं। मैं दक्षिण की अपनी हालिया यात्रा के दौरान बहुत से लोगों से मिला जो ई-कॉमर्सव्यवसाय में हैं। आज बहुत से ई-कॉमर्स प्लेयर्स जैसे होमेलन, वेकफिट, लिवस्पेस, पेपरफ्राई, फैबफर्निश, अर्बनलैडर आदि फर्नीचर व्यवसाय में आ गए हैं, आइकिया बड़े पैमाने पर एक स्टोर बैंगलोर में भी खोल रहा है साथ ही नोएडा, गुरुग्राम में खोलने की योजना हैं।
उन्हें बड़ी मात्रा में एमडीएफ की भी आवश्यकता होगी, क्योंकि एमडीएफ क्वालिटी में अच्छा और टिकाऊ होता है। वे अपने फर्नीचर के लिए भारतीय उत्पाद को पसंद करेंगे। एक पुरानी कहावत है ‘‘जब प्लेयर्स की संख्या अधिक होती है, तो प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है‘‘, लेकिन मेरा मानना है कि अधिक कम्पनियाँ होने से उनके प्रयास से मांग बढ़ती है और बाजार फलता-फूलता
अब हम लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं और पिछले एक साल में हमने 400 नए डीलरों की नियुक्ति की है और उस क्षेत्र में भी पहुंचे है जहाँ आज तक हम नहीं गए थे। यह सफलता की एक और कुंजी साबित होगी।
है। इसलिए, सभी एमडीएफ मैन्युफैक्चरर्स को एमडीएफ को एक उत्पाद के रूप में बढ़ावा देने के लिए कुछ करना चाहिए, क्योंकि कई लोग एमडीएफ के बारे में जानते भी नहीं हैं। वास्तव में, ग्रीनपैनल में आने से पहले, यहां तक कि मुझे भी एमडीएफ के व्यापक उपयोग के बारे में पता नहीं था।
प्र. देश का कौन सा भाग आपका पसंदीदा क्षेत्र है जो आपके व्यवसाय को काफी सहयोग करता है?
हमारे प्लांट दोनों जगहों पर हैं। हमारे ग्राहक उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम हर जगह हैं! अब हम लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं और पिछले एक साल में हमने 400 नए डीलरों की नियुक्ति की है और उस क्षेत्र में भी पहुंचे है जहाँ आज तक हम नहीं गए थे। यह सफलता की एक और कुंजी साबित होगी। हमारे लिए उत्तर के साथ-साथ दक्षिण में भी अपना प्लांट होने का काफी फायदा मिलेगा। दोनों बाजारों में काफी क्षमता है,
लेकिन अगर मैं अपने टीम की तुलना करुं तो मुझे लगता है कि दक्षिण बहुत संगठित और आक्रामक है, जिसके परिणामस्वरूप हम मार्च 2020 तक अपनी पूरी उत्पादन क्षमता तक पहुंचने मेंn सक्षम थे।
पश्चिम, मध्य और दक्षिण बाजार के लिए, हम दक्षिण में स्थित प्लांट से सप्लाई करते हैं। हम पहले लगभग 13,000 सीबीएम का कारोबार कर पाते थे लेकिन पिछले महीने हमने 20,000 सीबीएम बिक्री हासिल की। यह केवल तीन महीने में 40 फीसदी वृद्धि है। यह टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत है, हमने उनमें रुचि पैदा की और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया साथ ही अच्छा करने वाले को पुरस्कृत किया।
बाजार में डिस्प्ले और उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही, लंबित मामलों को हल करने, ग्राहकों को शानदार सेवा प्रदान करने और उनकी चिंताओं को दूर करने तथा व्यवसाय में आसानी प्रदान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी उन्हें हमारे साथ की भी आवश्यकता होती है। पिछले साल हमने 400 डीलर नियुक्त किए थे। यदि हम गणना करें तो अगर कोई डीलर प्रति माह चार-पांच लाख रूपए की बिलिंग कर रहा है, तो 400 नए डीलरों के साथ, हम 20 करोड़ की अतिरिक्त बिक्री कर रहे हैं!
प्र. ग्रीनपैनल का एक अन्य उत्पाद लेमिनेटेड फ्लोरिंग है, लेकिन यह अब बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देता। ऐसा क्यों?
फ्लोरिंग में हम अच्छा कर रहे हैं, लेकिन इसमें हमारी क्षमता सीमित है जो हमें रोक रही है। इससे पहले, हम हर महीने लगभग 3.5 लाख वर्गफुट फ्लोरिंग का काम कर रहे थे जिसे फ्लोरिंग के लिए एक बड़ा व्यवसाय माना जाता है। यह अब बढ़कर 5 से 6 लाख वर्ग फुट प्रति माह हो गया है। मेरे पास फ्लोरिंग के लिए भी योजना हैं, लेकिन अगर मैं इसपर अधिक ध्यान देता हूं, तो एमडीएफ छोड़ना होगा, क्योंकि दोनों एक ही कारखाने में उत्पादित होते हैं। इसलिए, हम या तो फ्लोरिंग बेच सकते हैं या प्रीलैम एमडीएफ पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
प्र. क्या एमडीएफ प्लाइवुड की जगह ले रहा है, या हाल ही में पेश किया गया वाॅटर रेजिस्टेंस एमडीएफ, प्लाइवुड की बिक्री को प्रभावित कर रहा है?
पैनल इंडस्ट्री के कुल बाजार की तुलना में एमडीएफ का बाजार बहुत छोटा है, इसलिए एमडीएफ कंपनियों के विकास की काफी संभावनाए है। इसमें 4000 करोड़ रुपये का व्यापार करना कोई बड़ी बात नहीं है। हमें इस उद्योग को एक पहचान दिलाने के लिए कुल बाजार का कम से कम 10 फीसदी तक पहुंचना चाहिए। और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 5 से 6 कंपनियों को बाजार में स्थापित होना होगा तथा उत्पाद को बढ़ावा देना होगा। कुछ हद तक यह प्लाइवुड की जगह ले सकता है, लेकिन भविष्य बहुत अच्छा है, अभी तो उद्योग को एक महत्वपूर्ण बाजार दिलाने की आवश्यकता है। इंटरनेट, वैश्विक रुझानों, क्प्ल् (डु ईट योरसेल्फ) की अवधारणा के साथ ग्राहकों में जागरूकता बढ़ रही है।
प्र. ग्रीन पैनल एचडीडब्ल्यूआर और दूसरों के वाटर रेजिस्टेंस एमडीएफ के बीच क्या अंतर है, कोई इनमें कैसे अंतर कर सकता है?
मूल अवधारणा उच्च घनत्व वाला जल प्रतिरोधी होना है। कुछ कंपनियों ने अपनी पसंद के अनुसार इसका नाम रखा है। इसके साथ फायदा यह है कि यह अधिक टिकाऊ है, क्योंकि घनत्व अधिक है। यदि किसी उत्पाद का घनत्व अधिक है, तो उसकी कील पकड़ने की क्षमता बेहतर होती है। इस उत्पाद का उपयोग किचेन फर्नीचर में भी किया जा सकता है, यहाँ तक कि बाथरूम वैनिटी के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। उच्च घनत्व वाले एमडीएफ से बने सोफा, बेड, फर्नीचर का उपयोग कहीं भी किया जाता है, क्योंकि यह लंबे समय तक टिका रहता है, इसमें वाटर रेजिस्टेंस अच्छी होती है। इसके अलावा यह दीमक, बोरर, फंगस आदि के खिलाफ भी उपयोगी है, ग्राहक के लिए यह फायदे का सौदा है!
दूसरी बात ग्रीनपैनल का 10 साल का एक प्रतिष्ठित इतिहास रहा है। ग्रीनपैनल को भारत में उत्पाद लीडर के रूप में जाना जाता है इसलिए लोगों का इसमें भरोसा है। सिर्फ हरा रंग वाटर रेजिस्टेंस एमडीएफ की गारंटी नहीं देता है। डीलरों को ब्रांड के इतिहास और कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए। सस्ते और निम्न श्रेणी के उत्पाद का विकल्प चुनने पर, डीलरों को कोई फायदा नहीं होगा और ग्राहकों को सही उत्पाद भी नहीं मिलेगा।
प्र. डीलरों की शिकायत होती है कि एमडीएफ बेचने से मार्जिन नहीं मिलता, क्या यह सच है, आप उन्हें कैसे समझाएंगे?
नए लोगों के लिए भी एमडीएफ बहुत अच्छा व्यवसाय है। निवेश बहुत कम है क्योंकि आपको 50 लाख या 1 करोड़ जैसा बड़ा निवेश नहीं करना पड़ता। केवल 5 से 10 लाख रुपये में ऑर्डर करके शुरू किया जा सकता है, फिर ट्रेंड देखें और काम आगेn बढ़ाएं। कोई भी डीलर आसानी से कम से कम 10 फीसदी
ग्रीनपैनल का 10 साल का एक प्रतिष्ठित इतिहास रहा है। ग्रीनपैनल को भारत में उत्पाद लीडर के रूप में जाना जाता है इसलिए लोगों का इसमें भरोसा है। हम हर महीने लगभग 3.5 लाख वर्गफुट फ्लोरिंग का काम कर रहे थे जिसे फ्लोरिंग के लिए एक बड़ा व्यवसाय माना जाता है। यह अब बढ़कर 5 से 6 लाख वर्ग फुट प्रति माह हो गया है।
का मार्जिन ले सकता है और रिटेलर को आगे 10 फीसदी का मार्जिन मिलता है। क्या यह एक अच्छा मार्जिन नहीं है? दूसरा यह अब एक कमोडिटी उत्पाद है। डीलर सीधे कंपनी द्वारा माल भिजवा कर 3 से 4 फीसदी मार्जिन कमाते हैं। इसलिए, एमडीएफ एक कमोडिटी उत्पाद होने के बावजूद न केवल डीलर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए फायदेमंद है, बल्कि व्यापार और उद्योग दोनों के लिए फायदा है।
प्र. ग्रीनपैनल द्वारा एमडीएफ का कोई और प्लांट लगाया जा रहा है क्या?
अभी ऐसी कोई योजना नहीं है, लेकिन हम क्षमता विस्तार के लिए पूरे लगन से काम कर रहे हैं क्योंकि मांग बढ़ रही है। मुझे लगता है कि सितंबर-अक्टूबर 2021 तक आपको 6000 से 7000 ब्ठड की एक और क्षमता वृद्धि देखने को मिलेगी।
प्र. प्लाई रिपोर्टर के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
प्लाई रिपोर्टर एक अत्याधिक प्रोफेसनल कंपनी है और पूरी इंडस्ट्री को एक साथ लेकर, जानकारी साझा करने और उससे लोगों को फायदा पहुंचने के लिए एक अच्छा काम कर रही है। यह एक बड़ी बात है! मैं चाहता हूं कि ग्रीनपैनल के साथ प्लाई रिपोर्टर भी बढ़ता रहे।
“10 साल के इतिहास में ग्रीनपैनल में न केवल पिछले सालबेहतर विकास हुआ है, बल्कि वे पिछले 10 वर्षों से लगातार अच्छा कर रहे हैं। यह उत्तर और दक्षिण दोनों जगह अपने प्लांट के साथ एमडीएफ में देश की पहला कंपनी है। ग्रीनपैनल आज लगभग पूरी क्षमता का उपयोग कर रही है और रेडीमेड फर्नीचर, फर्नीचर उद्योग में ऑनलाइन ई-कॉमर्स के साथ मिलकर डीआईवाई को बढ़ावा देने के लिए भी तत्पर है, जो भविष्य में भारत में भी तेजी से बढ़ सकता है।‘‘