मेलामाइन और फॉर्मल्डिहाइड ने अपनी अस्थिरता और कीमतों में तेज उछाल के चलते वुड और डेकोरेटिव पैनल सेक्टर के लोगों को आश्चर्यचकित किया है, हालांकि कुछ लोगों ने इसकी वजह से सप्लायर के एकाधिकारवादी दृष्टिकोण पर उंगलियां उठानी शुरू कर दी थीं। ऐसे समय में कोई भी यह नहीं कह सकता है कि सप्लायर अवसर का फायदा नहीं ले रहे हैं, पर इसके मूल में मांग और आपूर्ति का असंतुलन है। यह सच है कि मेलामाइन और फॉर्मल्डिहाइड की खपत कोविड के बाद 40 फीसदी बढ़ी है, जिसका आकलन सप्लायर और उत्पादक द्वारा नहीं की जा रही थी।
गौरतलब है कि जनवरी 2020 में, एमडीएफ इंडस्ट्री अपनी 65 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर रही थी, जो जनवरी 2021 में 100 प्रतिशत से अधिक तक पहुंच गयी है, इसलिए केवल एमडीएफ सेक्टर में 35 प्रतिशत तक खपत बढ़ने की खबर है। इसी तरह, पार्टिकल बोर्ड उद्योग एक साल पहले अपनी 60 प्रतिशत क्षमता पर चल रहा था, जो अब पूरी क्षमता से चल रहा है।
केमिकल सप्लायर्स के रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड सेक्टर से मांग में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसका उन्होंने एक साल पहले अनुमान नहीं लगाया था। केमिकल आयातकों का मानना है कि उनके पास इस सेक्टर की मांग का ऐसा अनुमान नहीं था, इसलिए कच्चे माल की कमी है। उनके पास इंडस्ट्री से काफी बड़ा पेंडिंग आर्डर हैं, इसलिए वर्तमान हालात मांग-आपूर्ति के असंतुलन के कारण पैदा हुआ है।
ज्ञातव्य है कि एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड, हाई डेंसिटी मॉइस्चर रेजिस्टेंस बोर्ड की मांग जून के बाद तेजी से बढ़ी हैं। बाजार से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सभी डीलर हाई डेंसिटी मॉइस्चर रेजिस्टेंस बोर्ड और एमडीएफ रखने में रुचि ले रहे है, क्योंकि उन्हें इस मेटेरियल की इनक्वाइरी मिलनी शुरू हो गई है। रेडीमेड फर्नीचर की बढ़ती मांग और आयात में कमी के कारण भी इन उत्पादों को ग्रोथ में मदद मिल रही है।