आयातित 3 मिमी प्लाइवुड की कीमतों में एक साल में तेज उछाल आया है। बाजार से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रति सीबीएम 1100 यूएस डालर के स्तर को पार कर गया है। आयातित बेस प्लाइवुड की ऊंची लागत ने भारतीय डेकोरेटिव विनियर मैन्यूफैक्चरर्स को तत्काल प्रभाव से फिनिश्ड डेकोरेटिव प्लाई की कीमते बढा़ने को मजबूर किया है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में भारतीय डेकोरेटिव प्लाइवुड उत्पादकों की एक जूम बैठक हुई जिसमें मैन्युफैक्चरर्स ने सर्वसम्मति से तत्काल प्रभाव से 5 रूपए प्रति वर्ग फुट कीमतें बढ़ाने का फैसला किया।
डेकोरेटिव विनियर मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि इम्पोर्टेड बेस प्लाई के साथ-साथ 0.3 से 0.5 एमएम मोटाई के डेकोरेटिव पत्ते की कीमतों में भी अंतरराष्ट्रीय लॉग कीमतों और माल ढुलाई भाड़ा बढ़ने के कारण वृद्धि दर्ज की गई है। उद्योग का मानना है कि हाल के दिनों में उनकी इनपुट कॉस्ट 14 से 15 रुपये प्रति वर्ग फुट बढ़ा है। बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक कच्चे माल की ऊंची कीमतों के कारण पिछले 2-3 महीनों में डेकोरेटिव विनियर के दाम 10 रुपये प्रति वर्ग फुट तक बढ़ंे हैं। डोमेस्टिक विनियर उत्पादकों ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि उनके सभी कच्चे माल, ईंधन और श्रम के खर्च में वृद्धि के कारण उनकी इनपुट कॉस्ट तेजी से बढ़ी है, इसलिए वे कीमतों में वृद्धि करने को मजबूर हैं और अपने व्यापार को बचाने के लिए इस बढ़ी लागत को बाजार में पारित करने का फैसला किया है।
भारतीय डेकोरेटिव विनियर उद्योग मुख्य रूप से सब्ट्रेट के लिए आयातित 3 मिमी प्लाइवुड पर निर्भर है, जिसे इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, बर्मा और चीन से आयात किया जाता है। इसके अलावा, वे कई यूरोपीय और अमेरिकी देशों से डेकोरेटिव विनियर पत्ते और हार्ड वुड लॉग का आयात करते हैं। कुछ निर्माता बेस प्लाइवुड बनाने के लिए पोपलर टिम्बर का उत्पादन करते हैं और घरेलू स्तर पर टीक विनियर भी उपलब्ध होता हैं लेकिन यह उद्योग ज्यादातर अपने कच्चे माल की जरूरतों के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है।