एल्युमीनियम कॉइल्स की कीमत में जोरदार तेजी से एसीपी का उत्पादन प्रभावित

Tuesday, 05 October 2021

एल्युमिनियम कॉइल एल्युमिनियम कम्पोजिट पैनल बनाने का मुख्य कच्चा माल है। इसे बिल्डिंग के फसाड और साइनेज सेक्टर में उपयोग किया जाता है। विभिन्न बाजार में बढ़ती मांग के कारण विशेष रूप से पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत में एल्युमीनियम कंपोजिट पैनल मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़े हैं। टॉप कोटिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला एल्युमीनियम कॉइल एक प्रमुख मेटेरियल है जिसमें यह रिपोर्ट लिखने तक पिछले दो महीनों के दौरान कीमतों में लगभग 40 फीसदी की तेजी आई है। कीमतें जोरदार तरीके से बढ़ने के साथ, एसीपी बनाने वाली कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे एसीपी कि मैन्युफैक्चरिंग और बाजारों में इसकी सप्लाई प्रभावित हुई है। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट....

बालाजी ओवरसीज के मालिक और एल्युमीनियम कॉइल के एक सप्लायर श्री मोहित गोयल ने कहा कि एसीपी उद्योग के लिए एल्युमीनियम कॉइल जैसे कच्चे माल की कीमतें जल्द कम होने के आसार नहीं हैं। पिछले दो महीनों में, कीमतों में लगभग 40 फीसदी की वृद्धि हुई है और आगे भी इसके बढ़ने की उम्मीद है। उनका तर्क है कि इससे पहले एल्युमीनियम की कीमतों का कम मूल्यांकन किया गया था, इसलिए अब इसमें करेक्सन जारी है, और अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि समुद्री माल भाड़ा में वर्तमान उछाल के कारण बढ़ रही है। माल ढुलाई का मुद्दा इसमें प्रमुख है क्योंकि यह पिछले तीन महीनों में तीन गुना बढ़ गया है।

एसीपी मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में भी हालत वैसा ही है जैसा कि मेलामाइन और अन्य डेकोरेटिव पैनल इंडस्ट्री का है। कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद मांग के मुताबिक कच्चा माल बाजार में उपलब्ध नहीं है।

 

भारत में एसीपी के अधिकांश उद्योगों के अनुसार, एल्युमीनियम कॉइल का प्रमुख आयात चीन से ही होता है।

श्री गोयल का कहना है कि 97 फीसदी मेटेरियल चीन से आ रही है, और माल ढुलाई के साथ साथ सप्लाई की भी दिक्क्तें हैं, इसलिए कोई राहत नहीं है। प्लाई रिपोर्टर ने विभिन्न सप्लायर और ट्रेड एक्सपर्ट से बात की, जो बतात ैं कि ‘एल्यूमीनियम कॉइल की कीमत नवंबर या दिवाली तक भी कम नहीं होगी।

यूरो बॉन्ड के प्रबंध निदेशक श्री राजेश शाह ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और हालात जल्द ही सुधरने वाला नहीं है। पिछले दो महीनों में कच्चे माल की कीमतों में कुल मिलाकर करीब 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यदि इस बढे खर्च को ग्राहकों पर नहीं डालते हैं, तो हम प्लांट नहीं चला पाएंगे। दिसंबर में कीमत में कुछ राहत मिलेगी क्योंकि कुछ महीने बाद अमेरिका और यूरोप के बाजार से बोझ कम हो जाएगा, तभी हमें कुछ राहत मिल सकती है।

पिछले 5 महीनों में एल्युमीनियम कॉइल, पीई ग्रैन्यूल्स, पॉलिमर फिल्म्स जैसे कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ने से एसीपी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने उत्पादों का फिर से मूल्य निर्धारण करने का फैसला किया है। एसीपी मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने मेटल और प्लास्टिक कंपोजिट के संयोजन से उत्पादित विभिन्न प्रकार के मिक्स्ड पैनल पर कीमतों में 7-10 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की है।

सभी कच्चे माल जैसे कॉइल, पीवीडीएफ, एलडीपी, इंक, आदि की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। एसीपी इंडस्ट्री 1 सितंबर से कीमत बढ़ने की घोषणा करने पर विचार कर रहा था। कॉइल का खर्च जोड़कर, वर्तमान परिदृश्य में बाजार में टिके रहने के लिए कम से कम 10 फीसदी कीमत बढ़ाई जाएगी। बाजार में एसीपी की मांग में तेजी है इसलिए कई निर्माता केवल कच्चे माल को लेकर परेशान हैं। यूरोबॉन्ड के प्रबंध निदेशक श्री राजेश शाह ने कहा कि अच्छी मांग का परिदृश्य अच्छे गुणवत्तापूर्ण एसीपी निर्माताओं को मदद कर रहा है।

वर्गो एसीपी के निदेशक श्री निखिल अरोड़ा ने कहा कि लगभग हर कच्चा माल जैसे एल्युमीनियम, रेजिन, फिल्म आदि कीमतों में बढ़ोतरी हो रही हैं। इस बार यह मूल्य वृद्धि पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक है और उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह 10 फीसदी और बढ़ जाएगी। इसका उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये मेटेरियल भारत में आयात किए जाते हैं। कीमतों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण कंटेनरों की ऊपलब्धता की कमी है। तो रास्ता यही है कि इनपुट कॉस्ट का बोझ बाजार पर डाला जाए।

 

श्री निखिल कहते हैं कि ऐसी खबरें हैं कि विश्व के तीन प्रमुख प्लांट उनके रख रखाव के लिए बंद किया गया हैं, जिसके चलते कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि गुजरातm में वर्गों की एसीपी यूनिट ने एक कलर कोटिंग लाइन स्थापित की है और इसके व्यावसायिक उत्पादन की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘वर्गों एसीपी में बढे हुए रेट 1 सितंबर 2021 से प्रभावी है और इसे हर जगह स्वीकार भी किया गया है, लेकिन हमें कॉइल्स की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कीमतें और बढानी होगी।

 

 टाइमेक्स बॉन्ड के निदेशक श्री जिनेश गाला ने कहा कि कच्चे माल की लागत में लगातार वृद्धि के कारण एसीपी उद्योग में बहुत अस्थिरता है। कच्चे माल की लागत 20 से 25 फीसदी तक बढ़ गई है और अभी भी हर महीने बढ़ रही है। व्यावहारिक रूप से निर्माताओं और डीलरों तथा ग्राहकों के लिए कोई विकल्प नहीं है, हम सभी को बस इसे स्वीकार करना होगा और इस असामान्य स्थिति में एक दूसरे की मदद करनी होगी।8-10 महीनों से हम जो देख रहे हैं, उससे यह कहना बहुत  मुश्किल है कि स्थिति जल्द सुधरेगी भी या नहीं। अभी के लिए बेहतर यही होगा कि कीमतें कम से कम स्थिर हों और हर महीने बढ़ती न रहें।

उन्होंने आगे कहा कि अभी कच्चे माल की कीमत बढ़ी है लेकिन एल्युमीनियम कॉइल की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी है। यह अब तक का सबसे ज्यादा है और एसीपी उद्योग के लिए बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन रहा है। पिछले ुश्किल है कि स्थिति जल्द सुधरेगी भी या नहीं। अभी के लिए बेहतर यही होगा कि कीमतें कम से कम स्थिर हों और हर महीने बढ़ती न रहें।

एलडीपी के निर्माता निधि एंटरप्राइजेज के श्री राजेश गुप्ता का मानना है कि एसीपी उद्योग कच्चे माल की बढ़ती लागत, हाई ऑपरेशनल कॉस्ट आदि से काफी ज्यादा प्रभावित है। एसीपी के लिए एलडीपी ग्रैन्यूल्स की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में औसतन 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। सभी कच्चे माल की बढ़ती कीमत से मैन्युफैक्चरिंग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्क्रैप की कमी भी बढती जा़ रही है जिससे इसके मुख्य कच्चे माल जिसे एलडीपी ग्रेनुअल या लोकप्रिय रूप से प्लास्टिक दाना कहा जाता है पर दबाव बढ़ रहा है। दूसरे अप्लीकेशन जैसे पाइप, ट्रिपल आदि में सप्लाई स्थानांतरित होने से प्लास्टिक कचरे का कॉस्ट तेजी से बढ़ी है।

पिछले 5 महीनों में एल्युमीनियम कॉइल, पीई ग्रैन्यूल्स, पॉलिमर फिल्म्स जैसे कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ने से एसीपी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने उत्पादों का फिर से मूल्य निर्धारण करने का फैसला किया है। एसीपी मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने मेटल और प्लास्टिक कंपोजिट के संयोजन से उत्पादित विभिन्न प्रकार के मिक्स्ड पैनल पर कीमतों में 7-10 फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा की है। अधिकांश प्लेयर्स ने 1 सितंबर 2021 से कीमतों में वृद्धि करने की घोषणा की है। एसीपी निर्माताओं का मानना है कि अगर कॉइल की कीमतों में वृद्धि जारी रही तो वे आने वाले महीने में एसीपी की कीमतों में वृद्धि कर सकते हैं।

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