दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद, सरकार ने बॉयलर में अन अप्रूव्ड फ्यूल इस्तेमाल वाली सभी मैन्यूफैक्चरिंग इकाईओं को बंद करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद इस इलाके में स्थित तकरीबन 150 से ज्यादा प्लाइवुड व लेमिनेट यूनिट में उत्पादन तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। सरकार का, ये आदेश दिल्ली और उसके आसपास के राज्यों के शहर जैसे सोनीपत, पानीपत, फरीदाबाद, गुडगांव, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, भिवाड़ी आदि शहर जो दिल्ली से सटे हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में आते हैं, वहां स्थित सभी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट, 22 नवंबर तक बंद रहेंगे। सरकार 21 नवंबर को हालात की समीक्षा करेगी, और अगर प्रदुषण की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इसे बंद की तारिख को आगे तक बढ़ाया जा सकता है।
दिल्ली-एनसीआर प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री विकास खन्ना ने प्लाई रिपोर्टर को बताया कि प्रदुषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए बंद करने का आदेश जारी हुआ है, और ये एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में स्थित प्लाइवुड इंडस्ट्री को इसके लांग टर्म निदान के बारे में सोचना चाहिए, और सरकार को उद्योग की मदद करने की पहल करनी चाहिए। उद्योग बंद होने से हमे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, और पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रही प्लाइवुड इंडस्ट्री के सामने एक गंभीर समस्या खड़ी होगी। उन्होंने सरकार से इस उद्योग के लिए राहत देने की मांग की है, क्योंकि कोविड के बाद से ही ये उद्योग संघर्ष कर रहा है।