चल रहे युद्ध के चलते रूस के खिलाफ व्यापारिक प्रतिबंधों और वित्तीय लेनदेन में कठिनाई के कारण दुनिया भर में वन उत्पादों की सप्लाई चेन और शिपमेंट को काफी धक्का लगा है। टिम्बर बेस्ड प्रोडक्ट के इंटरनेशनल ट्रेड फ्लो को प्रभावित करने वाले रूस को अपने शिपमेंट घटाने को मजबूर किया जाएगा।
रूस विश्व में लकड़ी का सबसे बड़ा निर्यातक है। पूरी दुनिया में वन उत्पादों के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में रूस सातवें स्थान पर है। रूस से वन उत्पादों का निर्यात 2021 में 12 बिलियन डॉलर से अधिक का था। रूस से वन उत्पादों का निर्यात पिछले पांच वर्षों में तेजी से बढ़ा है, जिसमें सॉफ्टवुड लम्बर और पेपर उत्पाद प्रमुख है।
चीन जैसे देश, जो इस संघर्ष में रूस की आक्रामकता का समर्थन करता हैं, वे भी सीमित व्यापार प्रतिबंधों से प्रभावित हो सकता हैं। इससे चीन जैसे बड़े उत्पाद और निर्यातक देश प्रभावित होंगे, जो अपने घरेलू उपयोग के लिए भी उत्तरीअमेरिका, यूरोप, ओशिनिया और लैटिन अमेरिका से लकड़ी, लॉग, वुड चिप्स, पल्प और पेपर के आयात पर निर्भर हैं। येदेश रूस और उन देशों पर भी विस्तारित प्रतिबंधों पर विचार कर रहे हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर रूसी हमले का समर्थन कर रहे हैं। इसलिए आगे चलकर रूसी कंपनियों के लिए दुनिया के साथ व्यापार करना चुनौतीपूर्ण होगा।
देश में विशाल वन संसाधन हैं इसलिए यह अपने घरेलू उद्योग के लिए लकड़ी आधारित उत्पादों को बढ़ाने की क्षमता प्रदान करता है। लकड़ी के उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए, रूसी सरकार ने हाल ही में मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के विस्तार/आधुनिकीकरण और ग्रीनफील्ड फैसिलिटी तैयार करने लिए, इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम शुरू किया हैं। हालांकि, संभावना यह है कि रूस में लकड़ी आधारित उत्पाद निर्माण में कई निवेश परियोजनाएं रुक जाएंगी, क्योंकि प्रतिबंधों और वित्तीय लेनदेन की सूची बढ़ती जा रही है। प्रतिबंधों के कारण, रूसी निर्यात को यूरोप को लकड़ी की आपूर्ति में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, इस प्रकार लकड़ी, प्लाईवुड और डेकोरेटिव विनियर की कीमतों पर असर पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विशेषज्ञों और मीडिया का मनना है कि पैलेट और लकड़ी के उत्पादों की कमी होनी तय है।