हरियाणा के डिप्टी सीएम श्री दुष्यंत चौटाला ने लकड़ी की खरीद पर मार्केट फी हटाने पर सहमति जताई है। वे 3 मार्च 2022 को यमुनानगर चौंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव के दौरान यमुनानगर में उद्योग जगत के नेताओं से बात कर रहे थे। जिला उद्योग निकाय की बैठक के दौरान उन्होंने सी फॉर्म सहित व्यापारियों की विभिन्न मांगों से संबंध् िात अन्य मुद्दों को हल करने पर भी सहमति व्यक्त की। चर्चा के बाद उन्होंने जल्द ही खुशखबरी देने की बात कही।
इससे पहले श्री जेके बिहानी, अध्यक्ष, हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एचपीएमए) ने कहा था कि किसी भी राज्य में लकड़ी की खरीद पर कोई मार्केट फी नहीं है। केवल हरियाणा में दो प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है। 12 साल से इसे हटाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन आज तक कोई नतीजा नहीं निकला। इसके कारण कच्चे माल की लागत बढ़ जाती है जिसकी वजह से वुड पैनल इंडस्ट्री के निर्माता और व्यापारी बाजार की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं। कई फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर हैं और उनमें से कुछ लकड़ी की बढ़ती कीमत के कारण बंद भी हो गई हैं।
उन्होंने कोरोना के कारण भुगतान की गड़बड़ी के संबंध में भी ध्यान आकर्षित किया और कहा कि एमएसएमई के समक्ष मामले कई गुना बढ़ गए हैं जो पहले लगभग 40 प्रति माह थे। उन्होंने गुड़गांव और फरीदाबाद की तरह सुनवाई के लिए अलग सुविधा दिए जाने की बात की। उन्होंने विभिन्न प्रकार के करों से छूट की भी मांग की। पंजाब और अन्य राज्यों की तरह उन्होंने सी फॉर्म में जीएसटी के रोके गए एस्टिमेशन में राहत की भी मांग की। जिले में पांच हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं जो लंबे समय से कारोबार कर रही हैं, लेकिन अब सीएलयू की अनुमति से दिक्कत हो रही है। केवल 50 फैक्ट्रियों के पास ये है इसलिए उन्होंने इस संबंध में भी राहत देने को कहा।
व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री राम निवास गर्ग सहित अन्य उद्योग और व्यापार के प्रतिनिधियों ने सड़क निर्माण और उसके उचित प्रबंधन के लिए कहा। इसी तरह विधायक श्री घनश्यामदास अरोड़ा ने कमानी चौक से हाईवे तक और कैल दादूपुर नहर से कलानौर तक रिंग रोड बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने रेलवे लाइन के पास आईसीडी डिपो स्थापित करने का भी अनुरोध किया ताकि औद्योगिक इकाइयों से बने माल को रेलवे पर आसानी से लोड किया जा सके और कच्चे माल को कारखाने तक पहुंचाया जा सके। इससे माल के आयात और निर्यात में आसानी होगी।