यमुनानगर में एफआरआई (फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट) का सेण्टर खुलने जा रहा है, जिसकी घोषणा आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यमुनानगर में आयोजित हरियाणा प्लाईवुड कॉन्क्लेव के दौरान उद्योग के उपस्थित प्रतिनिधियों के समक्ष की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से वन अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा। हरियाणा में प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह पहला फॉरेस्ट रिसर्च सेण्टर (वन अनुसंधान केंद्र) होगा। मुख्यामंत्री ने कहा कि फारेस्ट रिसर्च सेण्टर होने से यहाँ प्लांटेशन को उन्नत बनाने और नए स्पेसीज का विकास करने में मदद मिलेगी जिसका फायदा प्लाईवुड इंडस्ट्री को मिलेगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा से प्लाईवुड का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए प्लाईवुड कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है जिसमें यद्योग को क्या सुबिधा देनी है उसपर हरियाणा सरकार ने बहुत अच्छी पहल की है।
इसके अंतर्गत हरियाणा सरकार ने फॉरेन कॉर्पोरेशन डिपार्टमेंट बनाया है जिसका मकसद हरियाणा में बने प्रोडक्ट के निर्यात को बढावा देना है। प्लाइवुड की निर्यात की प्रबल संभावना है, क्योंकि देश के प्लाइवुड इंडस्ट्री का मार्केट साइज 24500 cr है, जिसमें हरियाणा की हिस्सेदारी एक तिहाई है। जबकि पिछले साल हरियाणा से तकरीबन 95 करोड़ का निर्यात हुआ है। उन्होंने कहा कि प्लाइवुड निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार काफी तत्पर है।
इस मौके पर प्रदेश के वन मंत्री कंवर पाल, असम के इंडस्ट्रीज मिनिस्टर पटवारी, हरियाणा प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर्स association के प्रेसिडेंट जे के बिहानी, IWST, FRI, IPIRTI के sceintist ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर समेत हरियाणा प्लाइवुड इंडस्ट्री के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद रहे।