बाजरा के अध्ययन से संकेत मिलता है कि ‘‘ए‘‘ ग्रेड क्राफ्ट पेपर की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, जिसे पिछले 2 महीनों में 10 फीसदी से 15 फीसदी वृद्धि कहा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ए‘ ग्रेड के क्राफ्ट पेपर का बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। दुनिया भर में लकड़ी की कीमत में वृद्धि हुई है, इसलिए इम्पोर्टेड क्राफ्ट पेपर की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है।
भारत में भी अच्छी क्वालिटी का क्राफ्ट पेपर बनाने वालों ने कीमत बढ़ा दी है। नतीजतन, हाई क्वालिटी लेमिनेट के उत्पादन की लागत बढ़ गई है और इसका प्रभाव आने वाले दिनों में बाजार में हाई ग्रेड क्वालिटी लेमिनेट की बढ़ती कीमत के संदर्भ में महसूस किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि ‘ए‘ ग्रेड क्राफ्ट पेपर वर्जिन वुड पल्प से बनाया जाता है। दुनिया भर में लकड़ी की बढ़ती कीमतके साथ, ‘ए‘ ग्रेड क्राफ्ट पेपर मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट भी बढ़ी है और इसका असर तैयार माल की बढ़ती कीमत के रूप में देखा जा रहा है।
दूसरी तरफ, यह देखा गया है कि पिछले दो महीनों से ‘बी‘ ग्रेड क्राफ्ट पेपर की कीमतों में नरमी आई है और वास्तव में कीमतों में गिरावट आई है। इसकी कीमतें कभी 40 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक थीं, लेकिन अब यह 34 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास हो रही हैं, जिससे 0.8 मिमी और अन्य निचले सेगमेंट के लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग कम्फर्टेबले जॉन में आ गया है।