उत्पादन लागत बढ़ने के कारण शटरिंग प्लाइवुड की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, इसका कारण उत्तरी क्षेत्र जहां अधिकांश शटरिंग प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थित हैं, में टिम्बर की ऊंची कीमतें हैं। प्राथमिक कच्चे माल की लागत, जैसे लकड़ी और रेजीन, जिसका उपयोग शटरिंग प्लाइवुड बनाने में किया जाता है, हाल के दिनों में बढ़ रहा है, साथ ही इसकी मांग भी बेहतर है। इन सभी कारकों ने पिछले दो वर्षों में शटरिंग प्लाई की कीमतों को मदद मिली है।
सकारात्मक संकेत यह है कि बढ़ती कीमतों को बाजार द्वारा स्वीकार किया जा रहा है, जो इस सेक्टर को आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के ग्रोथ ने शटरिंग प्लाइवुड की बढ़ती मांग को मदद मिल रही है।
रियल एस्टेट के सूत्र बताते हैं कि डीएलएफ ने 1100 फ्लैट बेचे हैं, और रहेजा ग्रुप ने भी विभिन्न शहरों में विशेष रूप से हैदराबाद में बड़ी संख्या में फ्लैट बेचंे हैं। इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख बिल्डर्स की सेल अच्छी है। यह सब शटरिंग प्लाइवुड बाजार के विस्तार में योगदान दे रहा है। पिछले तीन महीनों में, शटरिंग प्लाइवुड की कीमतें लगातार चरणों में लगभग 4 से 5 रुपये प्रति वर्ग फुट तक बढ़ी हैं, और पिछले दो वर्षों में कीमतों में लगभग 25 फीसदी की वृद्धि हुई है।
रियल एस्टेट के सूत्र बताते हैं कि डीएलएफ ने 1100 फ्लैट बेचे हैं, और रहेजा ग्रुप ने भी विभिन्न शहरों में विशेष रूप से हैदराबाद में बड़ी संख्या में फ्लैट बेचंे हैं। इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख बिल्डर्स की सेल अच्छी है। यह सब शटरिंग प्लाइवुड बाजार के विस्तार में योगदान दे रहा है। पिछले तीन महीनों में, शटरिंग प्लाइवुड की कीमतें लगातार चरणों में लगभग 4 से 5 रुपये प्रति वर्ग फुट तक बढ़ी हैं, और पिछले दो वर्षों में कीमतों में लगभग 25 फीसदी की वृद्धि हुई है।